चुनाव से 2 महीने पहले उम्मीदवारों का ऐलान, केजरीवाल को किस बात का सता रहा डर

AAP पार्टी ने 31 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. मनीष सिसोदिया और राखी बिड़ला को फिर से टिकट दिया गया है. पटपड़गंज से हाल ही में AAP में शामिल हुए अवध ओझा को टिकट दिया है. मनीष सिसोदिया की सीट बदलकर जंगपुरा भेज दिया है.

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दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. AAP अब तक 31 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर चुकी है.इनमें से 8 सीटें तो ऐसी हैं, जिन पर पिछली बार बीजेपी ने जीत हासिल की थी. वहीं 3 सीटें ऐसी हैं, जहां मौजूदा विधायकों ने आम आदमी पार्टी का साथ छोड़कर बीजेपी जॉइन कर ली थी.आपको बता दें कि AAP पार्टी ने 2015 और 2020 में प्रचंड जीत हासिल की थी.

अगर इन 11 सीटों को छोड़ दें, तो बाकी बची 20 सीटों में से 18 सीटों पर पार्टी ने अपने वर्तमान विधायकों के टिकट काटकर नए उम्मीदवारों को टिकट दे दिए हैं. केवल दो मौजूदा विधायकों मनीष सिसोदिया और राखी बिड़लान को ही दोबारा टिकट मिला है, लेकिन इनकी भी सीटें बदल दी गई हैं. जंगपुरा और मादीपुर के मौजूदा विधायकों के टिकट काटकर इन दोनों को उम्मीदवार बनाया गया है. दरअसल, केजरीवाल पहले ही कह चुके हैं कि प्रत्याशी देखकर वोट मत देना. केजरीवाल समझकर वोट देना. इसका मतलब है कि अभी कई और विधायकों के टिकट काटे जा सकते हैं. 

मौजूदा विधायकों का केजरीवाल ने काटा टिकट

कर्नाटक में कांग्रेस और मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान चुनाव में बीजेपी ने भी ऐसी ही रणनीति अपनाई थी. चुनाव ऐलान से पहले उम्मीदवार उतारे थे, जो हिट रहा. अब यही दांव आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में आजमाया है. इस बार अरविंद केजरीवाल ने अभी तक अपने आधे से ज्यादा मौजूदा विधायकों के टिकट काटकर नए चेहरों पर दांव खेला है. इसके अलावा अपने दो विधायकों की सीट में बदलाव किया है और दो विधायकों की जगह पर उनके बेटे को प्रत्याशी बनाया है.

विधानसभा अध्यक्ष और दिलीप पांडेय ने चुनाव लड़ने से किया इनकार

विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने इस बार चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. दरअसल, उनको पहले ही अंदाजा हो गया था कि इस बार उनका टिकट काटा जा सकता है. उन्होंने अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में धन्यवाद किया और साथ ही पार्टी का काम करते रहने की इच्छा जताई है. इसके अलावा दिलीप पांडेय ने भी विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. दिलीप पांडेय अरविंद केजरीवाल के भरोसेमंद चेहरों में से एक थे. 

केजरीवाल के लिए लिटमस टेस्ट की तरह है दिल्ली चुनाव

दिल्ली विधानसभा चुनाव इस बार आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के लिए एक तरह लिटमस टेस्ट माना जा रहा है. यही वजह है कि अरविंद केजरीवाल किसी तरह का कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. इसीलिए जिताऊ उम्मीदवारों पर ही दांव खेला जा रहा है. मनीष सिसोदिया जैसे नेता की भी सीट बदल दी गई है तो दिलीप पांडे का टिकट काट दिया है.

आम आदमी पार्टी के 31 उम्मीदवारों के बाद अब जो 39 सीटें बचीं हैं, उनमें बड़े स्तर पर बदलाव शायद ही किया जाए. माना जा रहा है कि यथा स्थिति बहाल रखी जाए. इसका मतलब है कि ऐसी सीटों पर आम आदमी पार्टी उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करने की जल्दी नहीं करेगी और उसकी कोशिश होगी कि विरोधी अपने पत्ते पहले खोलें, उसके बाद प्रत्याशी के नाम का ऐलान किया जाएगा. First Updated : Tuesday, 10 December 2024

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