सुप्रीम कोर्ट पहुंचा उड़ीसा ट्रेन हादसे की जांच का मामला, कवच सिस्टम लागू करने की मांग

ओडिशा के बालासोर में 2 जून (शुक्रवार) को दो ट्रेन और एक मालगाड़ी के बीच हुए भीषण हादसे 288 लोगों की जान चली गई, जबकि करीब 900 लोग घायल हुए है।

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उड़ीसा के बालासोर में शुक्रवार शाम को बड़ा ट्रेन हादसा हो गया था। इस भीषण ट्रेन हादसे में 288 लोगों ने अपनी जान गंवा दी और करीब 900 लोग घायल हुए है। अब बालासोर ट्रेन हादसे की जांच का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। वकील विशाल तिवारी इस मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की। याचिका में ट्रेन हादसे से बचने वाले कवच सिस्टम को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की गई है। 

याचिकाकर्ता विशाल तिवारी ने दायर हलफनामें में कहा कि पूर्व जज की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन करने की मांग की है। साथ ही रेलवे सुरक्षा को लेकर भी पूर्व जज की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ टीम बनाने की मांग की है। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ताजा अपडेट जारी कर कहा कि बालासोर ट्रेन हादसे में 1,000 से अधिक लोग घायल हुए है। जिनका इलाज चल रहा है। करीब 100 लोगों की हालात गंभीर है। जिन्हें इलाज के लिए दिल्ली एम्स, लेडी हार्डिंग अस्पताल और आरएमएल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम आधुनिक उपकरणों और दवाओं के पहुंचे है। उन्होंने कहा कि इस घटना में अब तक 288 लोगों की मौत हो चुकी है।

रेल मंत्री ने बताया हादसे का कारण 

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सिग्नल में बदलाव के कारण यह ट्रेन हादसा हुआ है। रेल मंत्री ने कहा कि हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर ली गई है और जल्द ही इसकी जांच रिपोर्ट भी सामने आ जाएगी। अश्विनी वैष्णव ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान का जिक्र करते कहा कि उन्होंने कवच को लेकर जो कहा वो सही नहीं है। रेल मंत्री ने कहा कि इस हादसे का कवच से किसी प्रकार का कोई संबंध नहीं है। First Updated : Sunday, 04 June 2023