नोट के बदले वोट: 'महाराष्ट्र में 5 करोड़ के विवाद ने मचाई हलचल, राहुल गांधी ने पीएम मोदी को घेरा.'

महाराष्ट्र में एक नई राजनीतिक हलचल मच गई है, जब बीवीए नेता हितेंद्र ठाकुर ने भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े पर 5 करोड़ रुपये बांटने का आरोप लगाया. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री मोदी से सवाल किया कि ये पैसे कहां से आए? भाजपा ने इन आरोपों को निराधार बताया, लेकिन मामला बढ़ता जा रहा है. क्या ये आरोप सच हैं या महज राजनीति का हिस्सा? जानिए पूरी कहानी!

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Cash for Votes Scandal: महाराष्ट्र के राजनीतिक माहौल में इन दिनों एक ताजा विवाद छिड़ा हुआ है, जिसमें एक भाजपा नेता पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने चुनाव में वोट बांटने के लिए 5 करोड़ रुपये का लेन-देन किया. इस मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए इस घटना को जनता के पैसे की लूट से जोड़ दिया है.

राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर किया तंज

मंगलवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विटर के जरिए प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष करते हुए लिखा, 'मोदी जी, ये 5 करोड़ रुपये किसकी तिजोरी से आए? जनता का पैसा लूटकर आपको टेम्पो में भेजने वाला कौन था?' राहुल गांधी का यह बयान महाराष्ट्र में छिड़े इस ताजा विवाद से जुड़ा हुआ है, जिसमें भाजपा महासचिव विनोद तावड़े पर आरोप है कि उन्होंने 5 करोड़ रुपये एक भाजपा उम्मीदवार को बांटने के लिए एक होटल में पहुंचाए थे.

क्या था आरोप?

बहुजन विकास अघाड़ी (बीवीए) के नेता हितेंद्र ठाकुर ने आरोप लगाया कि भाजपा महासचिव विनोद तावड़े ने महाराष्ट्र के विरार स्थित एक होटल में पहुंचकर भाजपा के एक उम्मीदवार को 5 करोड़ रुपये सौंपे. इस पर राहुल गांधी ने पीएम मोदी को याद दिलाते हुए इस लेन-देन को 'जनता का पैसा लूटने' से जोड़ दिया.

भाजपा ने किया आरोपों का खंडन

भाजपा ने इस आरोप को पूरी तरह निराधार बताते हुए कहा कि यह एक राजनीतिक चाल है. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ये आरोप सिर्फ महाराष्ट्र में एमवीए के अंतिम प्रयास के रूप में लगाए गए हैं. उन्होंने तावड़े के खिलाफ सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह नालासोपारा में एक पार्टी बैठक में शामिल होने के लिए गए थे, जहां वह पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रक्रिया के बारे में दिशा-निर्देश दे रहे थे.

विनोद तावड़े का बयान

विनोद तावड़े ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं. उनका कहना था कि वह नालासोपारा में एक बैठक में थे, जहां मतदान प्रक्रिया के बारे में चर्चा चल रही थी. उन्होंने कहा, 'चुनाव आयोग और पुलिस को जांच करनी चाहिए और सीसीटीवी फुटेज से सत्यता सामने आ सकती है.'

पुलिस ने दर्ज की FIR

वसई पुलिस उपायुक्त पूर्णिमा चौगुले ने कहा कि इस विवाद के संबंध में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं. एक FIR पैसों और डायरियों की बरामदगी को लेकर है, जबकि दूसरी FIR अवैध प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने के आरोप में दर्ज की गई है. पुलिस ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है.

आगे क्या होगा?

इस पूरे विवाद के बाद अब सवाल यह उठता है कि क्या चुनाव आयोग और पुलिस इस मामले की निष्पक्ष जांच करेंगे? भाजपा और बीवीए दोनों ही अपनी-अपनी बातों पर अड़े हुए हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि जांच में कौन सी दिशा निकलती है. हालांकि, यह मामला एक और बार महाराष्ट्र की राजनीति को गर्मा सकता है और आने वाले दिनों में इसके और ज्यादा राजनीतिक रंग देखने को मिल सकते हैं.

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी

राहुल गांधी और भाजपा नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप की इस राजनीति में अब कुछ और अहम सवाल भी उठते हैं. क्या वाकई चुनावी प्रक्रिया में पैसे का लेन-देन हो रहा है? क्या नेताओं द्वारा जनता के विश्वास को ऐसे तरीके से तोड़ा जा रहा है? यह सवाल अब महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि पूरे देश की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है.

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19 November 2024, 07:58 PM IST

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