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कैस्मे की ज़िंदगी बदली मोदी जी के एक जिक्र से: भारत से लेकर जर्मनी तक, एक युवा संगीतकार की सफलता की कहानी

जर्मनी की एक नेत्रहीन संगीतकार, कैसेंड्रा माए स्पिटमैन उर्फ 'कैस्मे' ने भारतीय संगीत में अपनी खास पहचान बनाई है. प्रधानमंत्री मोदी ने जब अपने कार्यक्रम 'मन की बात' में उनका जिक्र किया तो उनकी जिंदगी ही बदल गई. कैस्मे, जो अब 12 से ज्यादा भारतीय भाषाओं में गाने गाती हैं, भारतीय संगीत के प्रति अपने प्यार को दुनिया तक पहुंचा रही हैं. जानिए कैसे उन्होंने अपने संघर्ष को सफलता में बदला और भारत-जर्मनी के बीच सांस्कृतिक सेतु बनने का रास्ता खोला ...

Aprajita
Edited By: Aprajita

Man Ki Baat: जर्मनी की एक युवा संगीतकार, कैसेंड्रा माए स्पिटमैन, जिन्हें प्यार से 'कैस्मे' के नाम से जाना जाता है, उन्होंने अपनी संगीत यात्रा में एक बहुत बड़ा मुकाम हासिल किया है. उनका जीवन और करियर तब पूरी तरह से बदल गया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने प्रसिद्ध रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में उनका नाम लिया. इस जिक्र ने ना सिर्फ उनकी पहचान को नया मोड़ दिया, बल्कि भारत और जर्मनी के बीच सांस्कृतिक सेतु भी बना दिया.

जन्म से देख नहीं सकतीं, फिर भी संगीत में कमाल

कैस्मे का जन्म जर्मनी के डुइसबर्ग शहर में हुआ था. वह जन्म से देख नहीं सकतीं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपनी आवाज़ से संगीत की दुनिया में अपनी पहचान बनाई. 21 साल की उम्र में ही वह भारतीय संगीत और भाषाओं में माहिर हो गईं. उनका भारतीय संगीत में रुचि लेने का सफर तब शुरू हुआ, जब उन्होंने 2017 में बर्कली कॉलेज, अमेरिका में अपनी पढ़ाई के दौरान भारतीय संगीत से परिचय पाया. इसके बाद उनका यह प्यार और भी गहरा हो गया, और वह मलयालम, तमिल, कन्नड़ जैसे 12 से ज्यादा भारतीय भाषाओं में गाने गाने लगीं.

‘मन की बात’ ने बदल दी कैस्मे की जिंदगी

जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कैस्मे का जिक्र किया, तो उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई. कैस्मे ने बताया कि जब उन्होंने यह सुना, तो वह बिल्कुल हैरान रह गईं और उन्हें यकीन ही नहीं हुआ. वह बेहद खुश थीं और उनका कहना था कि यह पल उनके लिए बेहद खास था. इसके बाद कैस्मे को भारत और जर्मनी में जबरदस्त मीडिया कवरेज मिली और वह एक स्टार बन गईं.

PM मोदी से मुलाकात: एक सपने जैसा अनुभव

कैस्मे के लिए पीएम मोदी से मुलाकात भी एक अद्भुत अनुभव रहा. उन्होंने बताया कि जब उन्हें पीएम ऑफिस से कॉल आया और बताया गया कि मोदी जी उनसे मिलना चाहते हैं, तो वह बहुत खुश हुईं. कैस्मे ने पीएम मोदी को अपने रोल मॉडल के रूप में देखा और कहा कि वह बहुत सहज और हंसी मजाक करने वाले थे. वह खुद को बेहद आभारी महसूस करती हैं कि मोदी जी ने उनके काम की सराहना की.

भारतीय संगीत के लिए समर्पण

कैस्मे की सफलता का यह सिलसिला यहीं नहीं रुका. उनका भारतीय संगीत के प्रति समर्पण अब और भी मजबूत हो गया है. 2024 में उन्हें इंडियन नेशनल क्रिएटर्स अवार्ड में ‘बेस्ट इंटरनेशनल क्रिएटर’ के रूप में नामांकित किया गया. इसके अलावा, वह भारतीय संगीत समारोहों और योग रिट्रीट्स में भी प्रदर्शन करने लगी हैं. उनके संगीत में भारतीय फ्यूजन, मॉडर्न हाउस, आरएंडबी और अफ्रो बीट्स का मिश्रण होता है, जो उन्हें पॉप संगीत में एक अलग पहचान देता है.

समाज में जागरूकता फैलाने का भी काम कर रही हैं कैस्मे

कैस्मे ने जर्मन संसद के लिए एक समावेशन गीत भी लिखा है, जिसमें विविधता, समावेशन और आत्मनिर्णय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया गया है. उनका मानना है कि भारतीय संगीत और संस्कृति उनके जीवन का अहम हिस्सा बन चुकी है. मोदी जी के समर्थन से उन्हें और प्रेरणा मिली है कि वह इस प्रेम को और लोगों तक पहुंचाएं.

संगीत से सांस्कृतिक सेतु

कैस्मे की कहानी सिर्फ एक संगीतकार की सफलता की नहीं है. यह यह भी दिखाती है कि संगीत और कला कैसे सीमाओं को तोड़ सकती हैं और दुनिया भर के लोगों को जोड़ सकती हैं. वह अब एक प्रेरणा बन चुकी हैं और अपने संगीत के जरिए भारत और जर्मनी के बीच सांस्कृतिक सेतु बना रही हैं. उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय स्टार बना दिया है, और उनकी कहानी हर किसी को यह सिखाती है कि अगर जुनून हो तो कोई भी बाधा नहीं रोक सकती.

कैस्मे की सफलता एक उदाहरण है कि किसी भी विकट परिस्थिति में भी अगर आपका दिल किसी काम में लगा हो तो आप उसे हासिल कर सकते हैं. भारतीय संगीत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के उनके प्रयासों से यह साबित हो गया है कि संगीत और कला मानवता को जोड़ने का सबसे शक्तिशाली साधन है.

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18 March 2025, 04:27 PM IST

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