BIHAR: बिहार में जारी रहेगी जातीय जनगणना?, सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से किया इंकार

BIHAR: पटना हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का एनजीओ 'एक सोच एक प्रयास' की ओर से चुनौती दी गई है. इस महीने के शुरूआत में पटना हाई कोर्ट ने बिहार सरकार को राहत देते हुए राज्य में जातीय गणना कराने की मंजूरी दी है.

Manoj Aarya
Edited By: Manoj Aarya

Caste Census In Bihar: बिहार में राज्य सरकार द्वारा कराए जा रहे जातीय गणना पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगाने से इंकार कर दिया है. सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई टाल दी है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी. याचिकाकर्ता द्वारा बिहार में जातिगत सर्वे पर अंतरिम रोक लगाने की मांग सुप्रीम कोर्ट में की गई थी. लेकिन कोर्ट ने कहा कि बिना दोनों पक्षों की बात सुने हम कोई आदेश नहीं दे सकते हैं. इस मामले पर दाखिल की गई दूसरी याचिकाएं भी 18 अगस्त को लिस्टेड है, इसलिए सभी चाचिकाओं पर एक साथ सुनवाई होगी.

पटना हाईकोर्ट के फैसले को दी गई है चुनौती

पटना हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का एनजीओ 'एक सोच एक प्रयास' की ओर से चुनौती दी गई है. इस महीने के शुरूआत में पटना हाई कोर्ट ने बिहार सरकार को राहत देते हुए राज्य में जातीय गणना कराने की मंजूरी दी है. हाईकोर्ट ने अपने एक अगस्त के फैसले में बिहार सरकार के जातिगत जनगणना को सही ठहराया था. साथ ही जातीय गणना के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था. इसी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई गई है, जिस पर अब 18 अगस्त को सुनवाई होगी. बिहार सरकार द्वारा पहले ही इस मामले में कैविएट दाखिल किया जा चुका है.

विभिन्न जातियों को 215 कोड आवंटित

जाति आधारित जनगणना के दूसरे चरण के दौरान हर एक जाति को उपयोग के लिए एक संख्यात्मक कोड दिया गया है. विभिन्न जातियों को कुल 215 कोड आवंटित किए गए थे और इस प्रारूप में थर्ड जेंडर को भी जाति के रूप में मानते हुए इनके लिए भी एक अलग जाति कोड का व्यवस्था किया गया है. राज्य सरकार की तरफ से जनवरी में दो चरण का जाति सर्वेक्षण शुरू किया गया था और मई में अदालत द्वारा प्रक्रिया पर रोक लगाने से पहले अंतिम चरण का लगभग आधा काम पूरा कर लिया था.

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14 August 2023, 02:57 PM IST

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