Farmer's Protest: 16 दिनों से हरियाणा की सीमाओं पर जमे पंजाब के किसान संगठनों ने दिल्ली कूच के लिए नई रणनीति बना रहे हैं. हरियाणा पुलिस के आंसू गैस के गोलों से बचने के लिए गायों के लिए ढाल बनाने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए हर किसान अपने मवेशियों को लेकर हरियाणा की सीमा में प्रवेश करते हुए आगे बढ़ेगा. इससे खुलासा हो जाएगा कि खुद को गौरक्षक कहने वाली हरियाणा की बीजेपी सरकार इन गायों को रोकने के लिए उन पर गोलियां चलवाती है या नहीं.
सरकार के खिलाफ किसानों का आंदोलन आगे बढ़ रहा है जहां किसानों ने 29 फरवरी तक दिल्ली कूच रोक दिया गया था. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के सिद्धुपुर गुट के लिए दिल्ली मार्च कार्यक्रम स्थगित करने का गुरुवार को आखिरी दिन है. बुधवार को सिधुपुर गुट और किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा के नेताओं की बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा हुई. किसान नेता अपनी रणनीति के बारे में अभी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. सूत्रों के मुताबिक उनका मानना है कि एक बार हरियाणा में प्रवेश करने के बाद उनके लिए दिल्ली जाना मुश्किल नहीं होगा.
उगराहांभाकियू (एकता उगराहां) के पंजाब अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने आरोप लगाया कि किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने किसानों के संघर्ष में मुश्किल डालने की कोशिश की है. उग्राहन ने कहा कि राष्ट्रीय संयुक्त किसान मोर्चा ने संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर संघर्ष समिति के साथ समन्वय के लिए छह सदस्यीय समिति का गठन किया.
कमेटी में सरवन सिंह पंधेर, सतनाम सिंह साहनी, मंगत यूपी, काका सिंह कोटड़ा, सुरजीत सिंह फूल और सुखविंदर कौर को संयुक्त संघर्ष की योजना बनाने को कहा गया. लेकिन पंढेर, सतनाम सिंह और मंजीत राय ने 27 फरवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने संगठन और संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के खिलाफ निराधार प्रचार किया. उन पर मोर्चे में शामिल होने का दबाव डाला गया.
दूसरी तरफ अंबाला डीएसपी जोगिंदर शर्मा ने बताया कि पुलिस ने उन लोगों की पहचान कर ली है जो किसान आंदोलन के नाम पर पंजाब से हरियाणा आए और हिंसा फैलाई. एक वीडियो के जरिए बयान जारी करते हुए उन्होंने कहा, 'हमने सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों के जरिए उन लोगों की पहचान कर ली है. हम गृह मंत्रालय और दूतावास से अनुरोध करते हैं कि उनके पासपोर्ट और वीजा रद्द कर दिए जाएं. उनके नाम, फोटो और उनके पते भी दे दिए गए हैं.' First Updated : Thursday, 29 February 2024