CBSE Board Exam: 2026 से साल में दो बार होंगी सीबीएसई 10वीं बोर्ड की परीक्षाएं, कंपार्टमेंट परीक्षा खत्म
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 2026 से 10वीं कक्षा की परीक्षाओं के आयोजन को लेकर एक नई नीति का ड्राफ्ट जारी किया है. इस नीति के तहत बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाएगी. पहला चरण 17 फरवरी 2026 से 6 मार्च 2026 तक चलेगा, जबकि दूसरा चरण 5 मई 2026 से 20 मई 2026 तक होगा.

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 2026 से 10वीं कक्षा की परीक्षाओं के आयोजन को लेकर एक नई नीति का ड्राफ्ट जारी किया है. इस नीति के तहत बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाएगी. पहला चरण 17 फरवरी 2026 से 6 मार्च 2026 तक चलेगा, जबकि दूसरा चरण 5 मई 2026 से 20 मई 2026 तक होगा. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक में इस योजना को तैयार करने का निर्देश दिया गया था. सीबीएसई ने बीती मंगलवार को इसका ड्राफ्ट प्रकाशित किया और 9 मार्च तक सुझाव आमंत्रित किए हैं.
कंपार्टमेंट परीक्षा का अंत
इस नई नीति के तहत कंपार्टमेंट परीक्षा की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है. यदि कोई छात्र पहले चरण की परीक्षा में कुछ विषयों में सफल नहीं होता है, तो उसे मई में होने वाले दूसरे चरण में परीक्षा देने का अवसर मिलेगा. यह बदलाव छात्रों को परीक्षा में सुधार का एक और मौका देने के उद्देश्य से किया गया है.
34 दिनों में पूरी होगी परीक्षा प्रक्रिया
2026 में दसवीं की परीक्षा को 34 दिनों में पूरा करने की योजना बनाई गई है. 2025 में परीक्षा 15 फरवरी से 18 मार्च तक चलने वाली है, यानी इसे 32 दिनों में पूरा किया जाएगा. लेकिन 2026 में पहला चरण 17 फरवरी से 6 मार्च (18 दिन) और दूसरा चरण 5 मई से 20 मई (16 दिन) तक चलेगा. इस प्रकार दोनों चरणों को मिलाकर परीक्षा प्रक्रिया केवल 34 दिनों में समाप्त हो जाएगी, जिससे परिणाम जल्दी घोषित किए जा सकेंगे.
सीबीएसई 2026 में दसवीं की परीक्षा के लिए कुल 84 विषयों का आयोजन करेगा और लगभग 1.72 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जाएगा. इस परीक्षा में करीब 26.60 लाख छात्रों के शामिल होने की उम्मीद है.
प्रैक्टिकल और इंटरनल असेसमेंट में बदलाव नहीं
हालांकि लिखित परीक्षा दो बार आयोजित की जाएगी, लेकिन प्रैक्टिकल और इंटरनल असेसमेंट केवल एक बार होंगे. प्रत्येक छात्र को जो अंक इन परीक्षाओं में मिलेंगे, वे उसकी सर्वश्रेष्ठ लिखित परीक्षा के स्कोर के साथ जोड़कर अंतिम परिणाम तैयार करने के लिए उपयोग किए जाएंगे.
सीबीएसई मार्कशीट और मेरिट सर्टिफिकेट
पहले चरण की परीक्षा के बाद कोई पासिंग सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जाएगा. छात्रों की परफॉर्मेंस डिजिलॉकर पर उपलब्ध कराई जाएगी, जिसे 11वीं में प्रवेश के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा. यदि कोई छात्र दूसरे चरण की परीक्षा में भाग नहीं लेना चाहता है, तो वह डिजिलॉकर के स्कोर के आधार पर एडमिशन ले सकेगा.
दूसरे चरण की परीक्षा के बाद ही अंतिम परिणाम घोषित किया जाएगा और पासिंग सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा. इसके अलावा, मेरिट सर्टिफिकेट दोनों चरणों की परीक्षाओं के आधार पर जारी किया जाएगा.
प्रोविजनल एडमिशन की सुविधा
जो छात्र पहले चरण में पांचों विषयों में उत्तीर्ण हो जाएंगे, उन्हें 11वीं कक्षा में प्रोविजनल एडमिशन मिल जाएगा. हालांकि, उनका एडमिशन तभी कन्फर्म माना जाएगा जब वे दूसरे चरण की परीक्षा में भी सफल होंगे. जो छात्र पहले चरण में सफल नहीं होंगे, उन्हें "इंप्रूवमेंट कैटेगरी" में रखा जाएगा और उन्हें दूसरे चरण में परीक्षा देने का अवसर मिलेगा.
कोई विशेष परीक्षा नहीं होगी
सीबीएसई ने स्पष्ट कर दिया है कि अब कंपार्टमेंट परीक्षा या किसी अन्य विशेष परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाएगा. अब तक, जो छात्र पहले प्रयास में सफल नहीं होते थे उन्हें जुलाई में कंपार्टमेंट परीक्षा देने का अवसर मिलता था. लेकिन नई नीति के तहत, उन्हें मई में आयोजित होने वाले दूसरे चरण की परीक्षा में शामिल होने का विकल्प दिया जाएगा.
दोनों चरणों में विषय नहीं बदल सकेंगे
ड्राफ्ट नीति के अनुसार, यदि किसी छात्र ने पहले चरण में जिन विषयों की परीक्षा दी है, उसे उन्हीं विषयों की परीक्षा दूसरे चरण में भी देनी होगी. हालांकि, यदि कोई छात्र पहले चरण में किसी विषय (जैसे आईटी) की परीक्षा नहीं देता है, तो वह दूसरे चरण में उसकी जगह कोई अन्य विषय चुन सकता है. लेकिन यदि पहले चरण में उस विषय की परीक्षा दे चुका है, तो वह उसे बदल नहीं सकेगा.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप बदलाव
नई परीक्षा प्रणाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की सिफारिशों के अनुसार तैयार की गई है, जिसका उद्देश्य छात्रों को बोर्ड परीक्षा में अपना प्रदर्शन सुधारने का अधिक अवसर प्रदान करना है. इस नीति के तहत, छात्र अपनी कमजोरियों को दूर कर सकेंगे और उच्च अंक प्राप्त करने के लिए एक और अवसर पा सकेंगे.


