वाह! किताब खोलकर परीक्षा दे सकेंगे 9वीं-12वीं के छात्र, CBSE कराएगी Exam
CBSE Open Book Exam : इस साल SBSE स्टूडेंट एग्जाम में अपनी किताबें, नोट्स या अन्य स्वीकृत सामग्री साथ में रखकर और उसमें से देखकर परीक्षा दे सकेंगे. बोर्ड ने साल के अंत में अपने चुनिंदा स्कूलों में ओपन बुक टेस्ट का परीक्षण आयोजित करने की योजना बनाई है.
CBSE Open Book Exam : नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के तहत शिक्षा क्षेत्र में कई बड़े बदलाव होने वाले हैं. एनईपी के तहत की गई सिफारिशों के अनुसार सीबीएसई शिक्षा मूल्यांकन विभाग ने कक्षा 9-12वीं के लिए कुछ स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ओपन बुक एग्जाम (ओबीई) आयोजित करने का प्रस्ताव रका है. इस एग्जाम में स्टूडेंट परीक्षा में किताब और नोट्स साथ में रखकर और उसमें देखकर एग्जाम दे सकेंगे.
बोर्ड ने 2024 के अंत में कुछ सेलेक्टेड स्कूलों में ओपन बुक टेस्ट का परीक्षण आयोजित करने की योजना बनाई है. साथ ही 9वीं से 12वीं के विद्यार्थियों के लिए नवंबर माह में प्रयोग के तौर पर इसको लाने वाली है. इसमें स्टूडेंट्स एग्जाम के समय किताबें, नोट्स और अन्य स्वीकृत सामग्री से देखकर परीक्षा दे सकेंगे.
ओपन बुक एग्जाम क्या है?
ओपन बुक परीक्षा में किताब और नोट्स को देखकर स्टूडेंट एग्जाम दे सकते हैं. ओपन बुक एग्जाम दो तरह से आयोजित होता है. पहला कि छात्र स्कूल परिसर में बैठकर परीक्षा देते हैं. दूसरे तरीके में ऑनलाइन परीक्षा होती है. छात्रों को ऑनलाइन पेपर सेट भेज दिए जाते हैं. इसके बाद स्टूडेंट खास पोर्टल पर जाकर लॉग इन करके परीक्षा देते हैं. इस परीक्षा के दौरान भी छात्र टेक्स्ट बुक्स और नोट्स आदि की मदद ले सकते हैं. समय सीमा समाप्त होते ही पोर्टल ऑटोमैटिक लॉग आउट हो जाता है.
ओपन बुक एग्जाम का फायदा
ओपन बुक एग्जाम का लाभ स्टू़डेंट्स को मिलता है. इससे रट्टा मारने की परंपरा लत के बजाय स्टूडेंट उच्च-स्तरीय सोच, कौशल, एप्लीकेशन, एनालिसिस, क्रिटकल और क्रिएटिव थिंकिंक और प्रॉब्लम की क्षमताओं का आकलन करेंगे. इस परीक्षा में प्रश्न प्रत्यक्ष नहीं होंगे बल्कि विशेष अवधारणाओं से संबंधित स्टड सिस्टम की सामान्य समग्र समझ तक पहुंचने पर आधारित होंगे.
इन विषयों पर होगा पायलट रन
सीबीएसई ने कुछ स्कूलों में कक्षा 9 और 10 के लिए अंग्रेजी, गणित और विज्ञान और कक्षा 11 और 12 के लिए अंग्रेजी, गणित और जीव विज्ञान के लिए ओपन-बुक टेस्ट का एक पायलट रन प्रस्तावित किया है. यह छात्रों द्वारा पूरा करने में लगने वाले समय का मूल्यांकन करने के लिए किया जा रहा है. यह पायलट रन यह निर्धारित करेगा कि क्या इसे सभी स्कूलों पर लागू किया जाना चाहिए.