PM मोदी की अध्यक्षता में CCS की बैठक शुरू, शाह-राजनाथ-डोभाल मौजूद
पहलगाम आतंकी हमले के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक शुरू हो चुकी है. इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल समेत अन्य प्रमुख अधिकारी शामिल हैं.

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक शुरू हो गई है. इस बैठक में पीएम मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल हैं. बैठक का उद्देश्य पहलगाम हमले के बाद की स्थिति पर चर्चा करना और आवश्यक निर्णय लेना है. यह समिति सुरक्षा से जुड़े बड़े फैसले करती है और देश के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेने में भूमिका निभाती है.
आतंकी हमले की स्थिति का जायजा
इस बैठक से पहले, गृह मंत्री अमित शाह ने पहलगाम का दौरा किया और आतंकी हमले की स्थिति का जायजा लिया. वे दिल्ली लौटने के बाद, बैठक में सभी को हमले से संबंधित पूरी जानकारी देंगे. इसके बाद, सभी अधिकारियों से चर्चा के बाद आगे के कदम पर निर्णय लिया जाएगा.
CCS (कैबिनेट समिति) में प्रधानमंत्री के अलावा, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल शामिल होते हैं. हालांकि, कैबिनेट सचिव और रक्षा सचिव भी बैठक में उपस्थित हो सकते हैं, लेकिन वे सीसीएस के सदस्य नहीं होते.
राजनाथ सिंह ने हमले पर व्यक्त किया दुख
इससे पहले, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हमले पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इस कायरतापूर्ण हमले में देश ने कई निर्दोष नागरिकों को खो दिया है. उन्होंने इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को लेकर दृढ़ संकल्पित है और इस घटना के जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा दी जाएगी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत सरकार इस हमले के मास्टरमाइंड्स तक पहुंचने के लिए हर संभव कदम उठाएगी, चाहे वे पर्दे के पीछे क्यों न बैठे हों.
यह बैठक इस समय बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत नीति को लागू करने और कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए यह एक अहम अवसर है.


