केंद्र सरकार ने 2104 करोड़ रुपये के चंद्रयान-5 मिशन को दी मंजूरी, जापान करेगा साझेदारी
इसरो के वैज्ञानिक चंद्र सतह से नमूने एकत्र करने के लिए एक रोबोट विकसित कर रहे हैं. गहन खोज तकनीक पर काम किया जा रहा है. नमूने एकत्र करने के लिए कंटेनर और डॉकिंग विधि प्रौद्योगिकी विकसित की जा रही है.

Central government approves Chandrayaan-5 mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के चेयरमैन वी नारायणन ने कहा कि केंद्र सरकार ने चंद्रयान-5 मिशन को मंजूरी दे दी है. वह इसरो प्रमुख का पदभार संभालने के बाद बेंगलुरू में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा - अभी तीन दिन पहले ही हमें चंद्रयान-5 मिशन के लिए मंजूरी मिली है. इसमें जापान हमारा सहयोगी होगा. चंद्रयान-3 मिशन में 25 किलोग्राम का रोवर (प्रज्ञान) था, जबकि चंद्रयान-5 मिशन चंद्र सतह का अध्ययन करने के लिए 250 किलोग्राम का रोवर ले जाएगा.
चन्द्रमा की मिट्टी के नमूने लिये जाएंगे
भावी परियोजना के बारे में नारायणन ने कहा कि 2027 में प्रक्षेपित किये जाने वाले चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की मिट्टी के नमूने वापस लाना है. गगनयान सहित कई मिशनों के अलावा, अंतरिक्ष में भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना पर भी काम चल रहा है.
अंतरिक्ष यान में पांच अलग-अलग मॉड्यूल होंगे
कैबिनेट ने पिछले साल सितंबर महीने में चंद्रयान-4 मिशन को मंजूरी दी थी. इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान उतारना, चंद्रमा की मिट्टी और चट्टानों के नमूने एकत्र करना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है. इस मिशन पर 2104 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस अंतरिक्ष यान में पांच अलग-अलग मॉड्यूल होंगे. जबकि, 2023 में चंद्रमा पर भेजे जाने वाले चंद्रयान-3 में तीन मॉड्यूल थे - प्रोपल्शन मॉड्यूल (इंजन), लैंडर और रोवर.
पुनः प्रवेश मॉड्यूल शामिल किया जाएगा
चंद्रयान-4 के स्टैक 1 में चंद्र नमूने एकत्र करने के लिए एक एसेंडर मॉड्यूल और सतह पर चंद्र नमूने एकत्र करने के लिए एक डिसेंडर मॉड्यूल होगा. स्टैक 2 में प्रणोद के लिए एक प्रणोदन मॉड्यूल, नमूने को रखने के लिए एक स्थानांतरण मॉड्यूल, तथा नमूनों को पृथ्वी पर वापस लाने के लिए एक पुनः प्रवेश मॉड्यूल शामिल होगा.
दो अलग-अलग रॉकेटों का उपयोग किया जाएगा
इस मिशन में दो अलग-अलग रॉकेटों का इस्तेमाल किया जाएगा. भारी-भरकम विमान एलवीएम-3 और इसरो का विश्वसनीय पीएसएलवी अलग-अलग पेलोड ले जाएंगे. चंद्रयान-4 मिशन कई चरणों में पूरा किया जाएगा. चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद, दोनों मॉड्यूल मुख्य अंतरिक्ष यान से अलग हो जाएंगे और सतह पर उतरेंगे. दोनों मॉड्यूल चंद्र सतह से नमूने एकत्र करेंगे. इसके बाद एक मॉड्यूल चंद्र सतह से प्रक्षेपित होगा और चंद्र की कक्षा में मुख्य अंतरिक्ष यान के साथ जुड़ जाएगा. नमूनों को पृथ्वी पर लौटने वाले अंतरिक्ष यान में स्थानांतरित किया जाएगा.