Vishwakarma Scheme: विपक्ष के चुनावी रणनीति पर विश्वकर्मा योजना का हमला, 140 पिछड़ी जातियों को साधने की कोशिश

Vishwakarma Scheme: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश के पिछड़े वर्गों को उपहार के रूप में पीएम विश्वकर्मा योजना की सौगात दी है. इस योजना के तहत केंद्र सरकार सीधे 140 पिछड़ी जातियों को साधने की कोशिश में जुटी है.

Manoj Aarya
Edited By: Manoj Aarya

हाइलाइट

  • 73वें जन्मदिन के मौके पर पीएम मोदी ने देश को दी सौगात.
  • विश्वकर्मा योजना के तहत 140 पिछड़ी जातियों की साधने की कोशिश.
  • 2024 लोकसभा चुनाव में गेम चेंजर साबित हो सकता है यह योजना.

Vishwakarma Scheme: अपने 73वें  जन्मदिन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश के पिछड़े वर्गों को उपहार के रूप में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की सौगात दी है. इस योजना के तहत केंद्र सरकार सीधे 140 पिछड़ी जातियों को साधने की कोशिश में जुटी है. ऐसा माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले यह योजना विपक्षी रणनीति को कमजोर करने में सफल हो सकती है. दरअसल जातिगत जनगणना के मुद्दे के सहारे विपक्ष आगामी लोकसभा चुनाव में पिछड़ी जातियों के बीच पहुंचने की कोशिश में है.

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जय प्रकाश नड्डा का दावा है कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से देश की 18 अति पिछड़ी जातियों के 30 लाख लोगों को फायदा होगा. वहीं यह योजना अति पिछड़ी जातियों के उन करोड़ों लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव लाने वाला साबित हो सकती है जिनके लिए अपना पारंपरिक स्वरोजगार परिवार को चलाने का सबसे बड़ा माध्यम रहा है. 

ओबीसी के कुछ जातियों को ही मिला आरक्षण का लाभ

गौरतलब है कि केंद्र और राज्य सरकार की नौकरियों-शिक्षण संस्थानों में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है. लेकिन लगातार यह आरोप लगता है कि आरक्षण का सबसे ज्यादा फायदा ओबीसी वर्ग की कुछ जातियों तक ही सीमित रह गया है. इनमें यादव, कुर्मी, पटेल इत्यादि शामिल हैं. ओबीसी वर्ग लगभग 2633 जातियां हैं, इनमें काफी संख्या में पिछड़ी  जातियां शामिल हैं जिन्हें आरक्षण व्यवस्था का फायदा नहीं मिलता. इसी समस्या को देखते हुए क्रीमी लेयर योजना का व्यवस्था किया गया.

बीजेपी के लिए यह परेशानी का मुद्दा

कई राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि विपक्ष जातिगत जनगणना के सहारे 2024 के चुनाव में केंद्र सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है. इससे पहले भी कई अवसरों पर देखने को मिला कि जातिगत मुद्दा राष्ट्रीयता और धार्मिक मुद्दों की तुलना में लोगों को ज्यादा आकर्षित करता रहा है और भाजपा इस लड़ाई में विपक्षी दलों के सामने कमजोर पड़ रही है. विपक्ष के इस चुनावी रणनीति को अगर ठीक से जमीन पर लागू किया गया तो यह मुद्दा भाजपा के लिए परेशानी का सबब बन सकता है.

गेम चेंजर साबित हो सकती है यह योजना

लेकिन जिस तरह मोदी सरकार ने चुनाव के ठीक पहले विश्वकर्मा कौशल योजना के जरिए अति पिछड़ी जातियों को गोलबंद करने का निर्णय किया है, उससे विपक्ष का यह मुद्दा असरहीन हो सकता है. केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए 13 हजार करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है. ऐसे में यदि इस योजना पर सही तरीके से काम किया गया तो 2024 के लोकसभा चुनाव में बड़ी गेम चेंजर साबित हो सकती है.

 

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17 September 2023, 04:29 PM IST

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