केंद्र सरकार तुरंत मणिपुर की वीरेन सिंह सरकार को बर्खास्त करे और राष्ट्रपति शासन लगाए: राघव चड्ढा
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को मणिपुर मामले पर सवाल किए जाने पर राज्यसभा के सभापति द्वारा पूरे मानसून सत्र के लिए सस्पेंड करने पर 'आप' सांसद राघव चड्ढा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को मणिपुर मामले पर सवाल किए जाने पर राज्यसभा के सभापति द्वारा पूरे मानसून सत्र के लिए सस्पेंड करने पर 'आप' सांसद राघव चड्ढा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
मंगलवार को आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा मीडिया को संबोधित करते हुए केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि संसद में शायद ही कभी ऐसा हुआ होगा, जहां देश के एक बेहद ज्वलंत मुद्दे पर सवाल करने के लिए किसी राज्यसभा सांसद को निलंबित किया जाता हैं.
उन्होंने कहा कि किसी भी सांसद का पूरे सत्र के लिए निलंबन विशेष परिस्थिति में किया जाता है. ऐसा तब किया जाता है जब उस सांसद ने संसद के भीतर कोई हिंसक कार्य किया हो, उसने संसद का कोई प्रस्ताव फाड़कर सभापति की कुर्सी की ओर फेंका हो अथवा उसने अपनी कोई गतिविधियों द्वारा संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाया हो.
लेकिन यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे राज्यसभा सांसद संजय सिंह को सभापति की कुर्सी के पास जाकर सवाल करने के लिए पूरे सत्र से निलंबित किया गया है. उन्होंने कहा कि मणिपुर की घटना सिर्फ एक राज्य का मसला नहीं है बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है. इसलिए इस मुद्दे पर संसद में वृहद और विशेष चर्चा कराने की जरूरत है.
राघव चड्ढा ने आगे कहा कि मणिपुर में हो रही हिंसा का बुरा प्रभाव अब आसपास के राज्यों पर भी पड़ने लगा है. आज मिजोरम में भी मणिपुर की तर्ज पर एक घटना घटी जहां एक विशेष समुदाय के लोगों पर हमला किया गया और उन्हें राज्य छोड़कर बाहर जाने को कहा गया. अगर इस मामले का जल्द समाधान नहीं किया गया तो यह पूरे नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों के लिए खतरा बन सकता है.
चड्डा ने बताया कि मणिपुर में सिर्फ संविधान की धारा 355 और 356 का ही उल्लंघन नहीं हुआ है बल्कि वहां मानवता पर हमला हुआ है. शांति-व्यवस्था कायम करने में सरकार पूरी तरह फेल साबित हो चुकी है. कानून-व्यवस्था की स्थिति सरकार के कंट्रोल के बाहर हो गई है. इसलिए केंद्र सरकार तुरंत मणिपुर की वीरेन सिंह सरकार को बर्खास्त करे और वहां राष्ट्रपति शासन लागू करे.