केंद्र ने 18000 करोड़ रुपये की चार रेल परियोजनाओं को दी मंजूरी, इन राज्यों को मिलेगा फायदा
आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने शुक्रवार को करीब 18,658 करोड़ रुपये की चार रेल परियोजनाओं को मंजूरी दे दी. महाराष्ट्र ओडिशा और छत्तीसगढ़ के 15 जिलों में फैली ये परियोजनाएं भारतीय रेलवे नेटवर्क का करीब 1,247 किलोमीटर तक विस्तार करेंगी. ये कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, चूना पत्थर आदि वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं. क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 88.77 MTPA (मिलियन टन प्रति वर्ष) का अतिरिक्त माल यातायात होगा.

आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने शुक्रवार को करीब 18,658 करोड़ रुपये की चार रेल परियोजनाओं को मंजूरी दे दी. महाराष्ट्र ओडिशा और छत्तीसगढ़ के 15 जिलों में फैली ये परियोजनाएं भारतीय रेलवे नेटवर्क का करीब 1,247 किलोमीटर तक विस्तार करेंगी. विस्तार का उद्देश्य लाइन क्षमता में वृद्धि, गतिशीलता, दक्षता और सेवा विश्वसनीयता में सुधार करना है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि ये मल्टी-ट्रैकिंग प्रोजेक्ट परिचालन को आसान बनाएंगे, भीड़भाड़ को कम करेंगे और भारतीय रेलवे के कुछ सबसे व्यस्त खंडों पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करेंगे.
स्वीकृत परियोजनाएं इस प्रकार हैं
- संबलपुर – जरापदा (तीसरी और चौथी लाइन)
- झारसुगुड़ा - सासोन (तीसरी और चौथी लाइन)
- खरसिया - नया रायपुर - परमालकसा (5वीं और 6वीं लाइन)
- गोंदिया - बल्हारशाह (दोहरीकरण)
वैष्णव ने कहा कि ये परियोजनाएं रोजगार और स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ाकर क्षेत्रीय विकास में योगदान देंगी और 'आत्मनिर्भर भारत' को बढ़ावा देंगी. पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत विकसित ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए एकीकृत योजना पर केंद्रित हैं, जिससे लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित होगी.
नई रेलवे परियोजनाओं का विवरण
- 19 नए स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा
- गढ़चिरौली और राजनांदगांव तक बेहतर कनेक्टिविटी
- लगभग 3,350 गांवों और लगभग 47.25 लाख की आबादी के लिए बेहतर पहुंच
कृषि उत्पादों और माल ढुलाई को मिलेगा बढ़ावा
खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा मार्ग बलौदा बाजार जैसे नए क्षेत्रों को सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, इससे क्षेत्र में सीमेंट संयंत्रों सहित नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की संभावनाएं पैदा होंगी. ये कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, चूना पत्थर आदि वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं. क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 88.77 MTPA (मिलियन टन प्रति वर्ष) का अतिरिक्त माल यातायात होगा.
पर्यावरण को बचाने में मिलेगी मदद
बता दें कि रेलवे पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन का साधन है, जिससे जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने, तेल आयात (95 करोड़ लीटर) को कम करने और CO2 उत्सर्जन (477 करोड़ किलोग्राम) को कम करने में मदद मिलेगी, जो 19 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है.