One National One Election: मोदी कैबिनेट ने बुधवार को 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिसका उद्देश्य लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक ही समय पर कराना है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' विधेयक पेश किए जाने की संभावना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की वकालत की थी, जिसमें उन्होंने तर्क दिया था कि बार-बार चुनाव होने से देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न होती है.
यह घटनाक्रम पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति द्वारा प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के बाद हुआ है. मोदी सरकार ने एक साथ चुनाव कराने की व्यवहार्यता की जांच के लिए पूर्व राष्ट्रपति की अध्यक्षता में पैनल का गठन किया था. पैनल ने इस साल मार्च में राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. हाल के हफ्तों में, भाजपा ने एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए अपनी वकालत तेज कर दी है, जिसका उल्लेख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में भी किया था.
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का विचार पहली बार 1980 के दशक में प्रस्तावित किया गया था. न्यायमूर्ति बीपी जीवन रेड्डी की अध्यक्षता वाले विधि आयोग ने मई 1999 में अपनी 170वीं रिपोर्ट में कहा था,'हमें उस स्थिति में वापस जाना चाहिए जहां लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होते हैं.' First Updated : Wednesday, 18 September 2024