पोर्नोग्राफी के खिलाफ केंद्र की सख्ती, ऑनलाइन अश्लील कंटेंट भेजना होगा अवैध
आईटी एक्ट 2021 के तहत ऑनलाइन क्यूरेटेड कंटेंट के पब्लिशर्स, जिन्हें आमतौर पर OTT प्लेटफॉर्म्स कहा जाता है, के लिए एक आचार संहिता तय की गई है. यह कदम डिजिटल दुनिया में कंटेंट के प्रसार को नियंत्रित करने और उसे अधिक सुरक्षित बनाने के लिए उठाया गया है.

केंद्र सरकार ने पोर्नोग्राफी और ऑनलाइन अश्लील कंटेंट के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं. लोकसभा में सरकार ने स्पष्ट किया कि अब ऑनलाइन अश्लील सामग्री भेजना और उसे साझा करना अवैध होगा. इसके साथ ही इस पर सजा का प्रावधान भी किया गया है. सरकार ने कहा कि इंटरनेट के जरिए अश्लील सामग्री का प्रसार एक गंभीर अपराध है, जो समाज पर बुरा असर डाल सकता है और युवाओं के मानसिक विकास को भी प्रभावित करता है.
सख्त नियमों का पालन जरूरी
लोकसभा में सरकार ने यह भी बताया कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री को रोकने के लिए कानूनों को और कड़ा किया जाएगा. नए नियमों के तहत, अगर कोई व्यक्ति अश्लील कंटेंट ऑनलाइन भेजता है, तो उसे सजा का सामना करना पड़ सकता है. सरकार का यह कदम समाज में बढ़ती अश्लीलता और इसके नकारात्मक प्रभावों को रोकने के लिए उठाया गया है.
सजा का प्रावधान और उपाय
पोर्नोग्राफी से जुड़ी वेबसाइट्स और सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए तकनीकी उपायों को भी लागू किया जाएगा. यदि कोई व्यक्ति अश्लील वीडियो या चित्र भेजता है, तो उस पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसके तहत जुर्माना, सजा या दोनों की सजा का प्रावधान हो सकता है. यह फैसला युवाओं को सुरक्षित डिजिटल माहौल देने और समाज में नैतिक मूल्यों को बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है.
सरकार की पहल और समाज पर प्रभाव
सरकार का मानना है कि पोर्नोग्राफी का बढ़ता प्रभाव समाज में नकारात्मक बदलाव ला सकता है. इसके लिए सरकार ने डिजिटल दुनिया में सही और स्वस्थ कंटेंट को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं. इस फैसले से न केवल इंटरनेट की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि यह युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा.