One Nation, One Election: एक देश, एक चुनाव को लेकर राजनीतिक गलियारों में सरगर्मियां तेज हो गई हैं, इसके साथ ही चुनाव को लेकर बनाई कमेटी की बैठकें भी हो रही हैं. इसी बीच लॉ कमीशन के अध्यक्ष रितु राज अवस्थी का इस मुद्दे को लेकर एक बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि एक देश, एक चुनाव के लिए सरकार को संविधान में बदलाव करना होगा.
बता दें कि रितु अवस्थी कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के साथ 22वें विधि आयोग के अध्यक्ष हैं. सरकार ने विधि आयोग को जिम्मेदारी सौंपी है कि वह इस बाद का पता लगाए कि देश में बिखरे चुनाव की व्यवस्था को एक लाइन में कैसे लाया जाए. शुक्रवार को लॉ कमीशन ने एक देश एक चुनाव की समय सीमा से बताने से साफ इंकार कर दिया. हालांकि इस पर लगातार बैठकें चल रही हैं, सुझाव मांगे जा रहे हैं.
केंद्र सरकार ने एक देश एक चुनाव करवाने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है. यह कमेटी देश में एक चुनावी व्यवस्था का आकलन करेगी और देखेगी इसकी कितनी संभावनाएं हैं. इसके बाद केंद्र सरकार को इसकी रिपोर्ट सौपेगी. कमेटी के गठन के बाद से ही राजनीति, संघीय ढांचे और संविधान को लेकर बहस छिड़ गई है.
मीडिया से बात करते हुए लॉ कमीशन के अध्यक्ष रितु अवस्थी ने कहा कि, पूरे देश में एक चुनाव होंगे, इसको कह पाना अभी मुश्किल है. देश में चुनाव करवाने की तारीख की संभावना जताई जा सकती है. लेकिन आज कुछ कंफर्म कर पाना मुश्किल है. उन्होंने आगे कहा कि, हम इसकी कानूनी संभावनाओं को तलाशने की कोशिश कर रहे हैं. क्योंकि ऐसा करना नामुमकिन भी नहीं है. First Updated : Saturday, 30 September 2023