चंपई सोरेन से भाजपा को कितना फायदा; कितना नुकसान उठाएगी JMM?
चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने से झारखंड की राजनीति में बड़ा बदलाव आ सकता है. भाजपा को आदिवासी वोट बैंक में सेंध लगाने में मदद मिलेगी, लेकिन पार्टी के अंदर खेमेबाजी भी तेज होगी. चंपई का जमशेदपुर समेत कोल्हान क्षेत्र में अच्छी पकड़ है, जो भाजपा के लिए फायदेमंद हो सकता है. लेकिन झामुमो को बड़ा नुकसान हो सकता है, खासकर कोल्हान की 14 सीटों पर. चंपई के जाने से झामुमो के विधायकों में बगावत की संभावना भी बढ़ सकती है.चलिए आपको बताते है कि चंपई सोरेन का बीजेपी में शामिल होना किस पार्टी के लिए फायदेमंद है और किसके लिए नुकसानदायक.
JHARKHAND: आजकल सियासी गलियारों में काफी हलचल मचा हुआ है. खासकर झारखण्ड की राजनीति दिन पर दिन काफी दिलचस्प होते जा रही है. इस साल के अंत तक वहां विधानसभा चुनाव होने है और मजदूरों के मशीहा कहे जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन इन दिनों कुछ ज्यादा ही सुर्खियां बटोर रहे हैं, उनके बीजेपी में शामिल होने की ख़बरों ने काफी तूल पकड़ा हुआ है. लेकिन अभी तक इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है की वो बीजेपी में शामिल होंगे या नहीं सिर्फ ऐसी अटकलें लगाई जा रही है की वो JMM से नाराज चल रहे है इसलिए बीजेपी का दामन थाम सकते है.
झारखण्ड की राजनीति में आएगा बदलाव
चंपई सोरेन का भाजपा में शामिल होना झारखंड की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है. इससे भाजपा को आदिवासी वोट बैंक में फायदा हो सकता है, लेकिन पार्टी में अंदरूनी कलह भी बढ़ सकती है. लेकिन सवाल यहां पर ये उठता है की आखिर कौन है ये नेता चंपई सोरेन जिसका साथ पाने के लिए सभी पार्टियां है लालायित ?
कौन है आदिवासी समाज के नेता चंपई सोरेन?
चंपई सोरेन झारखण्ड का एक बड़ा चेहरा है और कोरोना संकट के दौरान वो लाइमलाइट में आये थे. उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से अन्य राज्यों में फंसे झारखंड के मजदूरों की काफी मदद की थी. जिसके बाद झारखंड के लोग किसी भी समस्या के समाधान के लिए चंपई सोरेन के पास फरियाद लगाते रहे. हेमंत सोरेन के कैबिनेट में भी उन्हें संकट मोचक के तौर पर देखा जाता रहा है. चंपई सोरेन भी शिबू सोरेन की ही तरह संथाल आदिवासी है.चंपई सोरेन की जमशेदपुर और कोल्हान क्षेत्र में मजबूत पकड़ है, जो भाजपा के लिए फायदेमंद हो सकती है लेकिन झामुमो को बड़ा नुकसान हो सकता है, खासकर कोल्हान की 14 सीटों पर
JMM को हो सकता है नुकसान
चंपई सोरेन का भाजपा में शामिल होना झारखंड की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है. इससे भाजपा को आदिवासी वोट बैंक में फायदा हो सकता है लेकिन पार्टी में अंदरूनी कलह भी बढ़ सकती है. चंपई सोरेन की जमशेदपुर और कोल्हान क्षेत्र में मजबूत पकड़ है, जो भाजपा के लिए फायदेमंद हो सकती है. इससे झामुमो को बड़ा नुकसान हो सकता है, खासकर कोल्हान की 14 सीटों पर. चंपई सोरेन के जाने से झामुमो के विधायकों में भी बगावत की संभावना बढ़ सकती है. इससे झारखंड की राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं. यह बदलाव भाजपा और झामुमो दोनों पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है. चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने से आदिवासी वोट बैंक में बदलाव आ सकता है, जो आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया
झामुमो नेता चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने की खबरों पर भाजपा नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है. भाजपा नेता दीपक प्रकाश ने कहा कि चंपई सोरेन को झामुमो द्वारा मुख्यमंत्री पद से हटाना दुर्भाग्यपूर्ण था, लेकिन उनके भाजपा में शामिल होने की जानकारी नहीं है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि चंपई सोरेन के मुख्यमंत्री काल में झारखंड में सबसे अच्छा काम हुआ था.