चंडीगढ़ मेयर चुनाव : 'वोटों की फिर होगी गिनती; SC में सुनवाई के दौरान क्या-क्या हुआ
Chandigarh Mayor Election : चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कथित गड़बड़ी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा से वोटों की गिनती कराने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कैसिंल किए गए सभी आठ वोट भी मान्य होंगे.
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में गड़बड़ी मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई हुई. इस पर शीर्ष अदालत ने कथित गड़बड़ी को लेकर सख्त टिप्पणी की. चीफ जस्टिस ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि मतगणना के दौरान अमान्य किए गए 8 वोट अब मान्य होंगे. इसके साथ ही वोटों की दोबारा गिनती होगी.
इसके पहले सोमवार को इस मामले पर सुनावई हुई थी, जिसमें रिटर्निंग ऑफिसर ने कुबूल किया था कि उन्होंने ही बैलट पेपर पर क्रॉस लगाया था. कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर से पूछताछ के बाद चुनाव से संबंधित सारे ऑरिजनल वीडियो रिकॉर्डिंग और दस्तावेज मंगाए थे. इसके बाद कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर का वीडियो और बैलेट पेपर भी कोर्ट रूम में जमा करवा लिया था. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही है.
बता दें कि आम आदमी पार्टी (AAP) के पार्षद कुलदीप कुमार ने मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में 8 वोट अवैध करार दिए जाने पर पीठासीन अधिकारी यानी रिटर्निंग ऑफिसर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्च सुनवाई कर रहा है.
'लोकतंत्र की हत्या हुई है' : सुप्रीम कोर्ट
इस मामले में पिछली सुनवाई के दौरान मेयर चुनाव की प्रक्रिया पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने प्रशासन और रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह को कड़ी फटकार लगाई थी. कहा था ये लोकतंत्र का मजाक है. इस चुनाव में रिटर्निंग अफसर की हरकत के वीडियो देखकर तो साफ है कि लोकतंत्र की हत्या हुई है.
रिटर्निंग ऑफिसर क्या कर रहा है?
हम नहीं चाहते कि देश में लोकतंत्र की हत्या हो. हम ऐसा नहीं होने देंगे. ऐसी स्थिति में सुप्रीम कोर्ट आंखें बंद कर नहीं बैठा रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के दौरान मतदान और मतगणना के समय का वीडियो देखकर की थी.
'कैमरे की तरफ क्यों देख रहे थे?'
कोर्ट में पेश वीडियो उस समय की है, जब वोट अयोग्य ठहराए जा रहे थे. सुप्रीम कोर्ट ने इस चुनाव में रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को भी पेश होने का निर्देश दिया था. इसके बाद मसीह कोर्ट में पेश हुए. CJI ने पूछा कि रिटर्निंग ऑफिसर कौन होता है और कैसे नियुक्त होता है? उन्होंने रिटर्निंग ऑफिसर से सवाल पूछे कि आप कैमरे की तरफ क्यों देख रहे थे? 'आठ पेपर पर मार्क लगाए थे' रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह ने कहा- वहां कैमरे की ओर बहुत शोर था, इसलिए मैं वहां देख रहा था.
कोर्ट ने पूछा कि आपने कुछ बैलेट पेपर पर X मार्क लगाया या नहीं? मसीह ने कहा- हां, मैंने आठ पेपर पर लगाए थे, लेकिन आम आदमी पार्टी के मेयर प्रत्याशी ने आकर बैलेट पेपर झपट लिए और फाड़कर भागे थे. कोर्ट ने पूछा कि लेकिन आप क्रॉस क्यों लगा रहे थे? किस नियम के तहत आपने ये कार्रवाई की?
'आरओ के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए'
मसीह ने जवाब दिया कि वो अवैध पेपर पर निशान लगाने की कोशिश कर रहे थे. सीजेआई ने फिर पूछा यानी आप मान रहे हैं कि आपने वहां मार्क लगाए. मसीह ने हामी भरी. उसके बाद कोर्ट ने SG तुषार मेहता को कहा कि मसीह ने माना है कि उन्होंने मार्क लगाया है. ऐसे में इनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. हम डिप्टी कमिश्नर को कहेंगे नए रिटर्निंग ऑफिसर को नियुक्त करें. हम पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जरनल को कहेंगे कि इसको मॉनिटर करें.
'वोटिंग की वीडियो देखेंगे सीजेआई'
कोर्ट ने कहा कि हम रजिस्ट्रार जरनल हाईकोर्ट को इस चुनाव से जुड़े सभी रिकॉर्ड लेकर हमारे पास पेश होने के लिए कहेंगे. हम कल मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करेंगे. कोर्ट ने कहा कि जो बैलेट पेपर रजिस्ट्रार जरनल के पास है वो एक जुडिशियलऑफिसर सुबह 10.30 बजे हमारे पास ले आए. हम दोपहर 2 बजे मामले की सुनवाई करेंगे. वोटिंग का पूरा वीडियो भी अदालत में पेश करना होगा.