कोरोना, जीका के बाद आया चांदीपुरा वायरस, जानिए कैसे जा रही बच्चों की जान
sabarkantha chandipuram virus: देश में कई तरह के वायरस का प्रकोप देखने को मिला है. कोरोना काल को तो हम सब भूले नहीं हैं लेकिन अब एक नए वायरस ने देश में दस्तक दे दी है. चांदीपुरम वायरस ने साबरकांठा में आतंक फैला रखा है, सिविल अस्पताल में चांदीपुरम वायरस से 4 बच्चों की मौत हो गई है, सभी बच्चों की रिपोर्ट सिस्टम द्वारा पुणे भेज दी गई है.
sabarkantha chandipuram virus: देश में कई तरह के वायरस का प्रकोप देखने को मिला है. कोरोना काल को तो हम सब भूले नहीं हैं लेकिन अब एक नए वायरस ने देश में दस्तक दे दी है. जिसकी वजह से साबरकांठा जिले में 4 बच्चों की मौत हो गई है. इस नए वायरस को लेकर स्वास्थ्य व्यवस्था में हलचल मची हुई है. दरअसल, चांदीपुरम नाम के वायरस से 4 बच्चों की मौत हो गई है.
इस संबंध में अब ये सभी रिपोर्ट सिस्टम द्वारा पुणे भेज दी गई है. एहतियात के तौर पर जिले के अधिकारियों ने गांधीनगर में बैठक की है. उत्तरी गुजरात के साबरकांठा में नए वायरस से 4 बच्चों की मौत से चिंताजनक स्थिति पैदा हो गई है. जानकारी के मुताबिक, साबरकांठा सिविल अस्पताल में चांदीपुरम वायरस से 4 बच्चों की मौत के बाद जिले में हड़कंप मच गया है.
वायरस से 4 बच्चों की मौत
शुरुआती जानकारी के मुताबिक, इन 4 मृतकों में खेड़ब्रह्मा तालुक के डिथली गांव का एक बच्चा, अरवल्ली के दो बच्चे और राजस्थान से इलाज के लिए लाए गए 1 बच्चे की मौत हो गई है. महत्वपूर्ण बात यह है कि आगे के इलाज के लिए राजस्थान लाए गए 2 बच्चों में से एक की मौत हो गई लेकिन दूसरे बच्चे का अभी इलाज चल रहा है.
नए वायरस ने देश में दी दस्तक
इसके साथ ही यह भी खुलासा हुआ है कि चांदीपुरम वायरस से प्रभावित यह बच्चा फिलहाल स्वस्थ है. इन सबके बीच चांदीपुरम वायरस से अचानक 4 बच्चों की मौत से परिवार में मातम छा गया है. इस संबंध में स्थानीय स्वास्थ्य तंत्र भी हरकत में आया और अब सारी रिपोर्ट भेज दी गई है, सामने आया है कि जिले के अधिकारियों ने गांधीनगर में इसे लेकर एक बैठक भी की है.
क्या हैं इस वायरस के लक्षण
बताया जा रहा है कि चांदीपुरा वायरस के कारण बुखार होता है, जिसके लक्षण फ्लू जैसे होते हैं और तीव्र एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) हो जाती है. इस वायरस को रोगज़नक़ रबडोविरिडे परिवार के वेसिकुलोवायरस जीनस का सदस्य बताया जा रहा है. ये वायरस मच्छरों, किलनी और रेत मक्खियों जैसे रोगवाहकों द्वारा फैलता है. साबरकांठा के मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी राज सुतारिया ने कहा कि सभी छह बच्चों के रक्त के नमूने पुष्टि के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) में भेजे गए हैं और उनके नतीजों का इंतजार किया जा रहा है.