'अमित शाह के बयान पर चंद्रशेखर आजाद का तगड़ा पलटवार: 'अपमान का बदला लेंगे!'
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अंबेडकर पर दिए बयान को लेकर राजनीति में तूफान मच गया है. चंद्रशेखर आजाद ने इस बयान को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कहा कि इसे कभी माफ नहीं किया जाएगा. उन्होंने इसे बाबा साहेब का अपमान बताते हुए साफ चेतावनी दी कि इसका बदला जरूर लिया जाएगा. वहीं अमित शाह ने अपनी सफाई पेश करते हुए कांग्रेस पर जवाबी हमला किया है. इस विवाद ने अंबेडकर और संविधान के प्रति लोगों की भावनाओं को और ज्यादा उभारा है. क्या इस विवाद का असर आगे और बढ़ेगा? जानिए पूरी कहानी!
Chandrashekhar Azad Strong Retaliation: देश में बीते कुछ दिनों से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के डॉ. भीमराव अंबेडकर पर दिए बयान को लेकर राजनीति गरमाई हुई है. अब इस विवाद में नगीना सांसद और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने भी कड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इस अपमान का बदला हम जरूर लेंगे, यह बयान उनके लिए चेतावनी बनकर आया है. आइए जानते हैं इस पूरी राजनीतिक हलचल के बारे में.
चंद्रशेखर आजाद का बयान
चंद्रशेखर आजाद ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर दी. उन्होंने लिखा, "अमित शाह का बयान बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के ऐतिहासिक योगदान और उनके संघर्ष का अपमान है. अंबेडकर का नाम लेना कोई फैशन नहीं है, यह समानता, स्वतंत्रता और सामाजिक परिवर्तन की क्रांति का प्रतीक है, जिसने लाखों दबे-कुचले लोगों को अधिकार और न्याय दिलाया."
आगे उन्होंने यह भी कहा कि अमित शाह का अंबेडकर को भगवान के नाम से तुलना करना, उनके विचारों और संविधान निर्माण में उनके योगदान को कमतर आंकने का प्रयास है. चंद्रशेखर ने इसे असंवेदनशीलता और लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान बताया. उन्होंने फिर से चेतावनी दी कि "इस अपमान का बदला जरूर लेंगे, मेरी बात याद रखना."
दिल्ली: राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण के खिलाफ विपक्ष के विरोध पर सांसद और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चन्द्रशेखर आजाद ने कहा, "...बहुत सारी पार्टियों ने जब 'जय भीम' के नारे लगाए तो दिल में खुशी हुई... हालांकि ये भी सच है कि बहुत सारी पार्टियों के बीच 'जय भीम'… pic.twitter.com/egh21e6fbx
— Amandeep Pillania (@APillania) December 18, 2024
अमित शाह का सफाई
वहीं इस विवाद पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी सफाई पेश की. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कांग्रेस ने उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया और तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर जनता के सामने रखा. अमित शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी संविधान के खिलाफ है और उन्होंने हमेशा न्यायपालिका का अपमान किया है. शाह ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी ने आपातकाल जैसे काले अध्याय को भी देश पर थोपने की कोशिश की थी, इसलिए उनका आरोप गलत है.
क्या है मामला?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब अमित शाह ने एक सार्वजनिक मंच पर अंबेडकर को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की थी. उन्होंने विपक्षी नेताओं से कहा कि "अंबेडकर-अंबेडकर करने से क्या होता है, भगवान का नाम लेते तो स्वर्ग मिल जाता.' इस बयान को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया आई, खासकर अंबेडकर के अनुयायी और उनके समर्थक इस पर भड़क गए. चंद्रशेखर आजाद ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी और अपनी पार्टी के समर्थकों से इस अपमान का जवाब देने का वादा किया.
क्या होगा आगे?
इस मुद्दे पर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने सरकार पर हमला बोला है और मांग की है कि अमित शाह से माफी मांगी जाए. अब देखना यह है कि सरकार इस मामले में आगे क्या कदम उठाती है और क्या अमित शाह के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है या यह विवाद यूं ही बढ़ता रहेगा.
समाज में गहरे असर की संभावना
यह मामला सिर्फ एक बयान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों के बीच की खाई और असहमति को भी उजागर करता है. चंद्रशेखर आजाद का बयान और उनके समर्थकों की प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि अंबेडकर का सम्मान सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि लाखों लोगों की पहचान और उनके अधिकारों की बात है. इस पर आगे क्या राजनीतिक घटनाक्रम होंगे, यह देखने वाली बात होगी. इस विवाद ने फिर से संविधान और अंबेडकर के प्रति हमारी जिम्मेदारी पर सवाल उठाए हैं. यह सवाल सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि समाजिक भी हैं. अंबेडकर के योगदान को नकारने या अपमानित करने के परिणाम समाज में गहरे असर डाल सकते हैं. अब यह देखना बाकी है कि इस विवाद का अंत कैसे होगा.