Chandrayaan-3: चांद की सतह पर उतरने के लिए पूरी तरह तैयार चंद्रयान-3, इतिहास रचने से महज कुछ घंटे दूर भारत
Chandrayaan-3: इसरो का मिशन चंद्रयान-3 चांद पर सफल लैंडिंग करने के लिए पूरी तरह से तैयार है और भारत इतिहास रचने से महज एक दिन दूर है. चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग के साथ ही भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा.
Chandrayaan-3: इसरो का मिशन चंद्रयान-3 चांद पर सफल लैंडिंग करने के लिए पूरी तरह से तैयार है और भारत इतिहास रचने से महज कुछ घंटों दूर है. चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग के साथ ही भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा और चांद पर अपना विजय पताका फहराएगा.
कुछ घंटों में लैंड करेगा चंद्रयान-3
वहीं इसरो ने बताया कि तीसरा चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) बुधवार शाम 6:04 बजे चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है. भारत ऐसा पहला देश है, जो चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 को उतारेगा. इसरो के अनुसार लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) वाला एलएम बुधवार शाम 6:04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के पास उतरेगा.
तय वक्त पर आगे बढ़ रहा चंद्रयान-3
मंगलवार दोपहर इसरो ने बताया कि मिशन तय समय पर है. सिस्टम की नियमित जांच हो रही है, सुचारू रूप से उड़ान जारी है. इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश देसाई ने कहा कि अगर 23 अगस्त को अगर स्थिति असामान्य पाई जाती है, तो हम लैंडिंग में चार दिन की देरी कर 27 अगस्त कर देंगे.
भारत रचेगा इतिहास -
चंद्रयान-3 इसरो का चार साल के अंदर दूसरा मिशन है. अगर इसरो इस प्रयास में चंद्रमा पर टचडाउन करने और रोवर को उतारने में कामयाब हो जाता है, तो भारत अमेरिका, चीन और रूस के बाद ये कारनामा करने वाला चौथा देश बन जाएगा. चंद्रयान-3 का उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट-लैंडिंग करना है.
इसके साथ ही चंद्रमा पर घूमना और इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करना है. इससे पहले इसरो ने चंद्रयान-2 लॉन्च किया था, लेकिन उसका लैंडर 'विक्रम' सात सितंबर, 2019 को टच डाउन करते समय क्रैश हो गया था. चंद्रयान का पहला मिशन साल 2008 में लॉन्च किया गया था.
चंद्रयान-3 पर खर्च हुए इतने रुपए -
बता दें कि मिशन चंद्रयान-3 पर 600 करोड़ रूपए खर्च किए गए हैं. चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था. इसके चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने के लिए 41 दिन का समय निर्धारित किया गया था, जो अपने तय समयानुसार 23 अगस्त को चांद की सतह पर लैंड करेगा और सफल लैंडिंग करते ही एक नया इतिहास रच जाएगा.