Chandrayaan-3: ​हिंदुस्तान ने चांद पर लहराया परचम, दुनिया ने कहा- INDIA में है दम

ISRO Chandrayaan-3: इसरो के मुताबिक, चांद की सतह और आसपास के वातावरण का अध्ययन करने के लिए लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) के पास एक चंद्र दिवस यानी पृथ्वी के लगभग 14 दिन का समय होगा.

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ISRO Chandrayaan-3: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान 3 बुधवार को सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर उतर गया है. अपने तय समय के मुताबिक शाम छह बजकर चार मिनट पर  लैंडर माड्यूल (एलएम) चांद की सत​ह पर कदम रख दिया है. इसी के साथ भारत और इसरो ने अंतरिक्ष विज्ञान में सफलता की एक नई परिभाषा गढ़ी है. वैज्ञानिकों का कहना है कि अभियान के अंतिम चरण में सारी प्रक्रियाएं पूर्व निर्धारित योजनाओं अनुसार हुई है. लैंडिंग के कुछ समय बाद ही कंमाड सेंटर से लैंडर विक्रम का संचार संपर्क स्थापित हो गया.

लैंडर से बाहर निकला रोवर प्रज्ञान 

बुधवार शाम को मिशन चंद्रयान-3 की साफ्ट लैंडिंग होने के बाद देर रात को रोवर प्रज्ञान भी लैंडर विक्रम से बाहर निकलकर रैंप पर आ गया था. इसरो ने लैंडिंग के बाद की कुछ तस्वीरें भी साझा की है. इस सफलता को केवल इसरो के वैज्ञानिक, हर भारतवासी, टीवी पर नजरें रखें हुए लोग ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों के लोगों ने भारत के ऐतिहासिक पलों को देखा है. आज विश्व में भारत के मिशन चंद्रयान-3 की जमकर तारीफ हो रही है. दुनिया कह रही है कि भारत में दम है.

रूसी एजेंसी ने दी भारत को बधाई 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स समिट में शामिल होने के लिए साउथ अफ्रीका में है. पीएम मोदी जोहान्सबर्ग से वर्चुअली भारत के ऐतिहासिक पलों के साक्षी बने है. लैंडिंग के बाद पीएम मोदी ने तिरंगा लहराकर खुशी व्यक्त की. चांद पर अमेरिका, सोवियत संघ (रूस) और चीन के बाद अब भारत भी अपना लैंडर उतार चुका है. पिछले दिनों रूस ने भी दक्षिणी ध्रुव अपना लैंडर उतारने के लिए लूना-25 यान भेजा था. लेकिन बीते रविवार को इंजन बंद होने से लूना-25 क्रैश हो गया था. अब चंद्रयान-3 की सफलता पर रूस की स्पेश एजेंसी रोसकोसमोस ने भारत और इसरो को बधाई दी है.  First Updated : Thursday, 24 August 2023