Chandrayaan-3 : भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने कल चंद्रयान-3 लॉन्च कर दिया, चंद्रयान-3 दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन सेंटर से लॉन्च हुआ. ये भारत का तीसरा मून मिशन है चद्रंयान-3 को चंद्रयान-2 का फॉलोअप मिशन बताया जा रहा है, मिशन का मकसद चांद के दक्षिण ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करना है.
भारत का तीसरा मून मिशन चंद्रयान-3 लॉन्च हो चुका है. इसे 2 बजकर 35 मिनट पर 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था. इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से छोड़ा गया था. इससे पहले साल 2008 में चंद्रयान -1 और 2019 में चंद्रयान-2 लॉन्च किया था.
चंद्रयान-1 में सिर्फ ऑर्बिटर था. चंद्रयान -2 में ऑर्बिटर के साथ-साथ लैंडर और रोवर भी मौजूद था. चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर नहीं होगा, सिर्फ लैंडर और रोवर ही रहेंगे. इसरो ने इस बार भी लैंडर का नाम विक्रम और रोवर का प्रज्ञान रखा है. चंद्रयान-2 में भी लैंडर और रोवर के यही नाम रखे गए थे.
जून 1966 में जनवरी 1968 तक चांद पर सात बार रोबोटिक मिशन भेजे. इनमें से पांच सॉफ्ट लैंडिंग में सफल हो गए. नासा के अपोलो मिशन के तहत, फरवरी 1966 से दिसंबर 1972 के बीची नील आर्मस्ट्रॉन्ग समेत 24 अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर भेजा गया.
चांग सीरीज में 2007 से अब तक पांच मिशन भेजे और सभी सफल रहे. चांग’ ई-1 और चांग’ ई-2 में ऑर्बिटर भेजे गए. चांग’ ई-3 और चांग’ ई-4 में लैंडर और रोवर भी थे तीन साल पहले चांग’ ई-5 चांद से मिट्टी और पत्थर भी लेकर आया था.
1959 से 1976 के बीच रूस ने 24 मून मिशन लॉन्च किए हैं जिसमें से 15 सफल हो चुके हैं. सितंबर 1959 में लूना-2 चांद पर पहुंचने वाला पहला मिशन था. लूना के दो मिशन चंद्रमा की सतह से नमूने लेकर भी वापस आए थे. लूना-17 और लूना-21 मिशन से चंद्रमा पर रोवर को भी उतारने में कामयाबी हासिल की . First Updated : Saturday, 15 July 2023