Chandrayan-3: पृथ्वी की कक्षा को छोड़ चंद्रमा की तरफ बढ़ा चंद्रयान-3, इसरो ने दी जानकारी 

Chandrayan-3: राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी की ओर से कहा गया कि चंद्रयान-3 ने पृथ्वी के चारों ओर अपनी परिक्रमा पूरी कर ली है और अब यह चंद्रमा की ओर बढ़ रहा है. जिसे 5 अगस्त को लूनर ऑर्बिट इंसरशन की योजना है.

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Chandrayan-3: चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक प्रक्षेपण के बाद से लोगों को इसके चांद पर उतरने का इंतजार है. इसरो भी चंद्रयान पर बारीकी से नजर बनाया हुआ है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिकों ने 'चंद्रयान-3' को चंद्रमा की कक्षा में ऊपर उठाने की पांचवें चरण की प्रक्रिया मंगलवार को सफलतापूर्वक पूरी कर ली है. इसरो ने अंतरिक्ष यान चंद्रयान-3 को ट्रांसलूनर कक्षा में स्थापित कर दिया है. राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी की ओर से दी गई जानकारी में यह कहा गया है कि, "चंद्रयान-3 ने पृथ्वी के चारों तरफ अपनी परिक्रमा पूरी कर अब यह चंद्रमा की ओर कदम बढ़ा रहा है.

अगला पड़ाव होगा चंद्रमा 

इसरो के तरफ से आई जानकारी में यह भी कहा गया कि " ISTRAC (इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क) ने एक सफल पेरिजी-फायरिंग की. इसरो ने अंतरिक्ष यान को ट्रांसलूनर कक्षा में स्थापित कर दिया है, अब अगला पड़ाव  चंद्रमा है और 5 अगस्त, 2023 को लूनर ऑर्बिट इंसरशन (Lunar-Orbit Insertion) की योजना है."

इसरो के एक अधिकारी के मुताबिक, मंगलवार को ट्रांस-लूनर इंजेक्शन के बाद अंतरिक्ष यान चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा से आगे बढ़ गया और अब यह चंद्रमा के रास्ते की ओर कदम बढ़ा चुका है.

इसरो ने 14 जुलाई को चंद्रयान-3 का किया था प्रक्षेपण

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा था कि वह 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करेगा. इसरो ने 14 जुलाई को चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण किया गया था. 

बता दें कि साल 2019 में चंद्रयान-2 मिशन का लैंडर चंद्रमा की सतह पर क्रैश हो गया था. इसके बाद ही भारत ने चंद्रयान-3 मिशन की तैयारी शुरू कर दी थी. चंद्रयान-2 की तरह ही चंद्रयान-3 के लैंडर का नाम भी विक्रम रखा गया है.  First Updated : Tuesday, 01 August 2023

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