Chandrayaan-3: लैंडिंग के लिए दक्षिणी ध्रुव ही क्यों चुना? इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने दिया ये जवाब
ISRO chief S Somnath: भारत का मिशन चंद्रयान 3 सफलतापूर्वक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंच चुका है. चांद की सतह पर तय लक्ष्य को पूरा करने में लगा हुआ है.
ISRO Chandrayaan-3: भारत का चंद्रयान 3 सफलतापूर्वक चांद के साउथ पोल पर पहुंच चुका है. रोवर प्रज्ञान लैंडर से बाहर निकलकर चांद की सतह का भ्रमण कर रहा है. आज सुबह इसरो ने प्रज्ञान रोवर को लेकर जानकारी दी. इसरो ने कहा कि जल्द ही रोवर की खीची तस्वीरें और इससे जुड़ी जानकारी साझा की जाएगी.
गुरुवार को न्यूज एजेंसी एएनआई से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस सोमनाथ ने मिशन चंद्रयान 3 के बारे में बातचीत की है. एस सोमनाथ ने कहा, ''इस मिशन के सफल होने से हमें खुशी है. इसके लिए जिन लोगों ने योगदान दिया, हम उनका धन्यवाद करते हैं.''
#WATCH | ISRO chief S Somanath gives details about the Pragyaan rover & its functioning. #Chandrayaan3Landing pic.twitter.com/IH293Z9e5j
— ANI (@ANI) August 24, 2023
इसरो प्रमुख ने कहा, ''कोई भी नाकामी एक सफल शिक्षक होती है. चंद्रयान 2 जब फेल हुआ तो हमें काफी जानकारियां मिली. हमें ये पता कर पाए कि क्या गलत हुआ. तब की नाकामी से सबक लिए गए, कमजोर चीजों को मजबूत किया गया. ताकि इस बार विफलता हाथ ना लगे. एस सोमनाथ ने बताया कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर अच्छी स्थिति में हैं.
#WATCH | ISRO chief S Somanath on why ISRO chose the South Pole of the moon for Chandrayaan-3's landing; says, "We have gone closer to the South Pole which is 70 degrees almost. The South Pole has a specific advantage with respect to being less illuminated by the sun. There is a… pic.twitter.com/hpEV2MMcav
— ANI (@ANI) August 24, 2023
चंद्रयान-3 की लैंडिंग के लिए दक्षिणी ध्रुव ही क्यों चुना?
इसरो प्रमुख से पूछा गया कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग के लिए दक्षिणी ध्रुव क्यों चुना गया? इसके जवाब में एस सोमनाथ ने कहा, ''हम दक्षिणी ध्रुव के पास उतरे हैं. यहां सतह के नीचे पानी होने की संभावनाएं ज्यादा हैं. वैज्ञानिकों ने दक्षिणी ध्रुव में काफी रुचि दिखाई है. आखिरकार इंसान चांद पर जाना चाहते हैं, बसना चाहते हैं और फिर वहां से कहीं और जाना चाहते हैं. ऐसे में ये सबसे अच्छी जगह है.''