चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने से पश्चिम UP का राजनीतिक समीकरण बदला, BJP कर सकती है इन 7 सीटों पर कब्जा!

Lok Sabha Election 2024: किसानों की ओर से विरोधों को लेकर विरोधों के बीच चुनावी साल में चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा किए जाने के बाद इसके कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं.

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Edited By: Sachin

Lok Sabha Election 2024: केंद्र की मोदी सरकार ने भारत रत्न के लिए तीन नए नामों का ऐलान किया. इनमें पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव और  कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन का नाम शामिल है. पीएम मोदी के इस ऐलान के बाद राजनीतिक पंडितों को हैरान कर दिया. इसमें खास वजह यह रही है कि भारत रत्न के लिए दो नाम विरोधी खेमे से थे. इनमें कांग्रेस नेता पीवी नरसिम्हा राव और लोकदल के संस्थापक चौधरी चरण सिंह है. वहीं, राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बीजेपी ने चरण सिंह के भारत रत्न देने के ऐलान से पश्चिमी यूपी में हारी हुई सात सीटों पर अपना कब्जा कर लिया है. 

मोदी सरकार से किसानों की नाराजगी

केंद्र सरकार इस फैसले के बाद पश्चिमी यूपी के साथ हरियाणा, पंजाब और राजस्थान की राजनीति में उनका खासा प्रभाव पड़ेगा. हरियाणा की खाप पंचायत ने इस फैसले का स्वागत किया और सराहना की है. साल 2014 में बीजेपी को देश में जाटों का अच्छा-खासा समर्थन मिला था. लेकिन तीन कृषि कानून का विरोध करने आए किसानों को पहले दिल्ली बॉर्डर पर रोका गया और उसके बाद वहां एक साल आंदोलन के दौरान 700 किसानों की मौत हो गई थी. इसके बाद ही किसानों का केंद्र सरकार से मुंहभंग हुआ था. इसके साथ ही वर्तमान समय में हरियाणा और पंजाब के किसान एमएसपी को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने 13 फरवरी को एक बार फिर दिल्ली की ओर कूच करने का ऐलान कर दिया है.  

चौधरी चरण सिंह ने अतुलनीय योगदान दिया: PM मोदी 

इन सब विरोधों के बीच चुनावी साल में चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा किए जाने के बाद इसके कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. पीएम मोदी ने अपने आधिकारिक एक्स पर लिखा कि हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है. यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है. उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की. वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे. हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है. इसके बाद इस ट्वीट को रिपोस्ट करते हुए जयंत चौधरी ने लिखा, 'दिल जीत लिया.' 

पश्चिम यूपी में जाट और गुर्जर का प्रभाव 

देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के पश्चिम हिस्से में जाट और गुर्जरों की आबादी लगभग बराबर है. 10 फीसदी गुर्जरों की संख्या है और 12 परसेंट जाट हैं. यहां पर जाट यहां पर एकजुट हो कर वोट करता है, जिसका कारण है कि उनका प्रभाव इस इलाके में काफी माना जाता है. वहीं, गुर्जर समाज का वोटबैंक थोड़ा बिखरा हुआ है. लेकिन इन दोनों में एक खास बात यह है कि यह दोनों की किसान जातियों से संबंध रखती है. बतात चलें कि सहारनपुर से आगरा तक फैली यह बेल्ट के कारण ही बीजेपी लोकसभा की सात सीटें हार गईं थीं. इन इलाकों से बिजनौर में बीएसपी के मलूक नागर, अमरोहा में बीएसपी के कुंवर दानिश अली, सहारनपुरपुर में बीएसपी के हाजी फजलुररहमान, नगीना में बीएसपी के गिरीश चंद, मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी से एसटी हसन, संभल से एसपी के शफीकुर्रहमान और रामपुर में एसपी के आजम खान ने जीत हासिल की थी. अब बीजेपी की इन सीटों पर निगाहें हैं कि चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने से वह यहां के वोटरों से भावनात्मक रूप से जुड़ जाएगी. 

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10 February 2024, 10:56 AM IST

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