Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में CM के बाद अब मंत्रियों की बारी, कई बड़े नेता हैं दावेदार
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ को नया मुख्यमंत्री तो मिल गया है. वहीं अब सबसे बड़ी चुनौती सीएम के मंत्रिमंडल में कौन कौन होगा. विष्णुदेव राज्बीय के बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. 2 साल 68 दिन तक विष्णुदेव ने इस जिम्मेदारी को निभाया.
हाइलाइट
- CM के दावेदारों समेत 13 नेता बनेंगे मंत्री!
- इन दिग्गजों को मिल सकती है मंत्रिमंडल में जगह
छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार का मुख्यमंत्री चेहरा तय हो चुका है. अब लोगों के मन में ये सवाल कौंध रहा है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की कैबिनेट में कौन होगा. ऐसे में सूत्रों के मुताबिक बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह को विधानसभा का अध्यक्ष बनाने की बात कही जा रही है. वहीं, अन्य पिछड़ा वर्ग से बड़े चेहरे के तौर पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और बीजेपी के महासचिव और कवर्धा में भूपेश सरकार के कद्दावर नेता और मंत्री मोहम्मद अकबर को 40 हजार वोटों से हराने वाले विजय शर्मा उपमुख्यमंत्री भी बनाया जा सकता है. इसके साथ ही अन्य मंत्रियों में नए और पुराने नेताओं का समावेश भी देखने को मिल सकता है. प्रदेश में सीएम समेत 13 मंत्री हो सकते हैं.
ये हैं मंत्री पद के प्रबल दावेदार
अमर अग्रवाल: रमन सरकार में पूर्व मंत्री रह चुके हैं और इस बार भी दावेदार हैं.
राजेश मूणत: मूणत युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे राजेश मूणत साल 2003 में पहली बार विधायक चुने गए. 2008 और 2013 में वे दूसरे, 2013 में तीसरे और 2023 में चौथे विधायक बने। रमन सरकार में लगातार मंत्री रहे 2003, 2008 और 2013 में.
बृजमोहन: साल 2023 में बृजमोहन 8वीं बार जीते हैं. 1990-92 में बृजमोहन अविभाजित मध्य प्रदेश में मंत्री थे. राज्य गठन के बाद वह वर्ष 2003, 2008 और 2013 में महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री भी रहे.
अजय चंद्राकर: बीजेपी में तेजतर्रार छवि वाले और ओबीसी वर्ग से आने वाले अजय चंद्राकर पहली बार 1998 में विधायक बने थे. 2003 में दूसरी बार विधायक बने, 2008 में हारे, लेकिन 2013, 2018 में फिर विधायक चुने गए और अब 2023 में 5वीं बार विधायक चुने गए. चंद्राकर 2003 से 2008 तक मंत्री रहे। 2013 में जीत के बाद वह फिर मंत्री बने.
विक्रम उसेंडी: आदिवासी नेता होने के साथ-साथ रमन सरकार में पूर्व मंत्री भी रह चुके हैं. इसके अलावा वह लोकसभा सदस्य और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
ओपी चौधरी: बीजेपी महासचिव और पूर्व आईएएस ओपी चौधरी ओबीसी का बड़ा चेहरा हैं. युवा नेता होने के साथ-साथ वह बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के पसंदीदा नेता में से एक हैं.
धर्मजीत सिंह: कांग्रेस और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ से भाजपा में आए धर्मजीत भी पांचवीं बार विधायक चुने गए हैं.
लता उसेंडी: वह बस्तर संभाग की आदिवासी महिला नेता हैं. वह पूर्व मंत्री रह चुकी हैं और फिलहाल उनके पास बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी है.
केदार कश्यप: रमन सरकार में मंत्री रहे केदार कश्यप ने इस चुनाव में महासचिव के तौर पर बड़ी भूमिका निभाई है. उन्हें बस्तर संभाग में एक बड़े आदिवासी नेता और युवा नेता के रूप में जाना जाता है.
दयालदास बघेल: दयालदास बघेल रमन सरकार में मंत्री रह चुके हैं और अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं.
रामविचार नेताम: पूर्व मंत्री और पूर्व राज्यसभा सदस्य रामविचार नेताम सरगुजा संभाग के बड़े आदिवासी चेहरे हैं.
पुन्नूलाल मोहले: पूर्व मंत्री और मुंगेली विधानसभा क्षेत्र के विधायक पुन्नूलाल मोहले के नाम एक अजीब रिकॉर्ड है. मौजूदा विधानसभा चुनाव में उन्होंने एक बार फिर जीत दर्ज की है. उन्होंने लगातार 11वीं बार चुनाव जीता है.
धरमलाल कौशिक: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक बीजेपी का बड़ा चेहरा हैं.
गोमती साय: आदिवासी चेहरा होने के साथ-साथ वह लोकसभा सदस्य भी रह चुकी हैं.