Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मुद्दे पर राजनीति करने वाली भाजपा सत्ता में आने के बाद धर्मांतरण को रोकने के लिए धर्म स्वतंत्र विधेयक ला रही है. इस बात की जानकारी कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने शनिवार को सदन में इस मुद्दे की जानकारी दी है. भाजपा ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में धर्म परिवर्तन को सबसे बड़ा मुद्दा बना रही है.
धर्मांतरण पर आपत्ति की स्थिति में धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति से खून या गोद लेने संबंधी जुड़ा हुआ. इंसान इसके खिलाफ FIR दर्ज करा सकता है. अगर इस मुकादमें की बात करें तो यह केस गैर जमानती होगा और यह सत्र अदालत द्वारा सुनवाई होगी. कोर्ट धर्म परिवर्तन के पीड़ित को 5 लाख रुपये तक का मुआवजा भी दे सकती है.
बिल में कहा गया है कि बल, अनुचित प्रभाव, जोर-जबरदस्ती, प्रलोभन, विवाह या छल तरीके से एक धर्म से दूसरे धर्म में रुपातरंण नहीं किया जा सकता है. अगर ऐसा होता और इस बात की जानकारी जिले के डीएम को होती है तो धर्मांतरण पूरी तरह से अवैध माना जाएगा. वहीं बिल में आगे कहा गया है कि धर्म परिवर्तन के बाद, व्यक्ति को 60 दिनों के अंदर एक और डिक्लेरेशन फार्म भरना जाएगा और इसे सत्यापित करने के लिए डीएम के सामने खुद को पेश करना होगा.
विधेयक में यह भी कहा गया कि नाबालिगों, महिलाओं, अनुसुचित जाति या अनुसूचित जनजाति के सदस्यों का अवैध रूप से धर्म परिवर्तन कराने वालों को कम से कम दो सा और अधिकतम 10 साल की जेल होगी. साथ ही कम से कम 25 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा.
वहीं सामूहिक धर्म परिवर्तन पर कम से कम तीन साल और अधिकतम 10 साल की सजा और 50 हजार रुपये का जुर्माना होगा. कोर्ट ने धर्म परिवर्तन के पीड़ितत को 5 लाख रुपये तक का मुआवजा भी मंजूर कर सकता है. यह कानून उन लोगों पर लागू नहीं होगा जो अपने पिछले धर्म में दोबारा धर्म परिवर्तन करके वापस जाना चाहते हैं. First Updated : Sunday, 18 February 2024