Chhattisgarh Election: जानें कौन-कौन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की दौड़ में, बीजेपी हाईकमान किस पर करेगी भरोसा!

ओम माथुर ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए जिस नाम का चयन होगा वह बिल्कुल नया होगा. संसदीय दल चौंकाने वाला नाम तय करेगा.

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Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ़ में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर बाजार गर्मा गया है, पिछले तीन दिनों से इस बात पर तेजी से चर्चा हो रही है कि राज्य में 90 में से 54 सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद आखिर में बीजेपी हाईकमान मुख्यमंत्री की कमान किसके हाथों में देने जा रही है. भाजपा के कई नेता मानकर चल रहे हैं कि प्रदेश की कमान इस बार किसी केंद्रीय मंत्री के पास हो सकती है. दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह भी इस दौड़ में आगे चल रहे हैं. 

मुख्यमंत्री पद के लिए कोई नया नाम होगा: ओम माथुर

ओम माथुर ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए जिस नाम का चयन होगा वह बिल्कुल नया होगा. संसदीय दल चौंकाने वाला नाम तय करेगा. मंगलवार को दिल्ली में हुई भाजपा हाईकमान की चार घंटे तक चली बैठक के बाद इस निर्णय पर पहुंची है कि वह इसके पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर सकती है. पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में ही छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में विधायकों की मीटिंग होगी और वहीं से प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगेगी. 

सीएम की दौड़ में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह

बीजेपी सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री के साथ इस बार दो उप-मुख्यमंत्री का भी बनाए जा सकते हैं. मुख्यमंत्रियों की दौड़ में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह नाम भी चर्चाओं में हैं. वह पिछले 15 सालों से छत्तीसगढ़ की मुख्यमंत्री पद पर काबिज रहे हैं. रमन सिंह ने स्प्ष्ट रूप से कहा है कि वह इस बहस में नहीं उलझना चाहते हैं. इसलिए थोड़ी प्रतीक्षा करें, जल्द ही राज्य में विधायक दल की बैठक होगी और उसमें तय किया जाएगा कि कौन प्रदेश का मुख्यमंत्री बनेगा. 

विष्णुदेव राय और ओपी चौधरी होंगे सीएम! 

रमन सिंह के अलावा बीते महीने पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके आदिवासी नेता विष्णुदेव साय भी इस सूची में शामिल हैं. विष्णुदेव साय सांसद और केंद्र सरकार में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं. इसी के साथ कई जिलों के कलेक्टर रह चुकें ओपी चौधरी अपने पद से रिजाइन देने के बाद बीजेपी में शामिल हुए हैं. वह इस चुनाव में भारी मतों से जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. हालांकि साल 2018 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन इन पांच सालों में उन्होंने न सिर्फ जनता के बीच अपनी छवि को सुधारा है, बल्कि पार्टी के अंदर भी अपनी छवि को मजबूत किया है. ओपी चौधरी उन नेताओं में शुमार हैं जो हाईकमान से सीधे संपर्क में रहते हैं. 

रेणुका की विधायकों के बीच अच्छी पकड़

केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह भी मुख्यमंत्री की दौड़ में अपना नाम दर्ज करवा चुके हैं, विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान ही विधायक को कार्यकर्ताओं ने सीएम दीदी कहने लगे थे. उन्होंने वर्तमान विधानसभा चुनाव में भारी मतों से जीत दर्ज की है. रेणुका सिंह आदिवासी समाज से आती हैं और रमन सिंह की सरकार में मंत्री रह चुकी हैं. 

रामविचार नेताम और अरुण साव पर बीजेपी करेगी विश्वास 

राज्य में लंबे से वक्त तक मंत्री और सांसद रह चुके रामविचार नेताम भी मुख्यमंत्री पद के लिए अपना दावा ठोक रहे हैं. जब कभी भाजपा की ओर से आदिवासी मुख्यमंत्री की बात चली तो रामविचार नेताम का नाम टॉप पर था. रामविचार नेताम रमन सिंह सरकार में गृहमंत्री पद रह चुके हैं. वहीं, अरुण साव प्रदेश अध्यक्ष और सांसद के साथ विधायकी जीतने के बाद माना जा रहा था कि अगर राज्य में भाजपा की सरकार सत्ता में आती है तो उन्हें महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. वह भूपेश बघेल के बाद ओबीसी का सबसे बड़ा चेहरा है. हालांकि लोगों का मानना है कि आने वाले समय में लोकसभा चुनाव होना है तो पार्टी हाईकमान उस शख्स को मुख्यमंत्री-उप मुख्यमंत्री बनाना चाहेंगी जो राज्य की बड़ी आबादी को प्रभावित कर सके.  First Updated : Thursday, 07 December 2023