गीता जयंती के मौके पर राज्य के शिक्ष राज्य मंत्री प्रफुल पानशेरिया ने स्कूलों में भगवद गीता 6 से 12वीं कक्षा में शामिल कर दी है. पानशेरिया ने जानकारी देते हुए कहा की भगवद गीता पढ़ने से छात्रों को काफी लाभ मिलेगा और इसके साथ ही उनका नजरिया भी बदलेगा. पानशेरिया ने कक्षा छह से लेकर आठवीं तक की पुस्तकों को भी लांच कर दिया है. उन किताबों में ब्रह्मांड से लेकर पर्यावरण के बारे में भगवान कृष्णा की बातों को शिक्षाओं के बारे में छात्र जान पाएंगे.
विद्यार्थियों पर अच्छा प्रभाव
मंत्री प्रफुल पानशेरिया ने कक्षा आठवीं तक की किताबों को लांच करते हुए कहा कि छोटी उम्र में मिलने वाली शिक्षा जीवनभर याद रहती है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति महात्मा जब छोटे थे तो उन्होंने एक राजा हरिशचंद्र का एक नाटक देखा था. इस नाटक का उनके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा. उन्होंने सत्य को अपनाया और उसे ही अपना हथियार बना लिया. इसके साथ ही पानशेरिया ने ये भी कहा कि सनातन हिंदू धर्म का सबसे महान ग्रंथ 'श्रीमद्भगवत गीता' हमारे संपूर्ण जीवन का सार है. जिसमें अध्यात्म, प्रबंधन, नेतृत्व, रचनात्मकता, संस्कार और कर्म उत्कृष्टता का विवेक ही श्रेष्ठ समाज के निर्माण के अनूठे हथियार हैं.
जीवन की महत्ता का संदेश
शिक्षा राज्य मंत्री पानशेरिया ने कहा कि कर्तव्य, कर्म और जीवन की महत्ता का संदेश देने वाली गीता जयंती की अनंत शुभकामनाएं देते हुए मुझे खुशी है .छात्र गीता का पाठ पढ़ेंगे और अपने जीवन में कठिनाइयों से हार नहीं मानेंगे. उसके साथ ही कहा कि यह सलाह मुख्यमंत्री चंपारण पटेल के मार्गदर्शन से तैयार की गई है. उन्होंने कहा कि किताब देखने में छोटी लग रही हैं लेकिन काफी उपयोगी शिक्षा दी गई हैं. शिक्षा विभाग ने कक्षा छठवी से आठवीं कक्षा की इन पुस्तकों को तैयार किया है.
First Updated : Friday, 09 February 2024