Prachand Helicopters: प्रचंड के प्रकोप से कांपेंगे चीन और पाक, जानिए सेना के इस नए साथी की ताकत 

Prachand Helicopters: पड़ोसी देशों को कंट्रोल में रखने के लिए भारतीय सेना ऐसे हेलिकॉप्टर्स खरीदने पर काम कर रही है जिनके आ जाने के बाद दोनों की सिट्टी-पिट्टी गुल हो जाने वाली है. 

Akshay Singh
Edited By: Akshay Singh

Prachand Helicopters: भारत की सीमा के दोनों तरफ दो ऐसे देश हैं जो अक्सर सीजफायर का उल्लंघन करते रहते हैं. एक तरफ पाकिस्तान है जो अपने पाले हुए आतंकियों को भारत में दाखिल कराने में लगा रहता है तो वहीं दूसरी तरफ चीन है जो अपनी विस्तारवादी नीतियों के चलते भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों को लालच की नजर से देखता रहता है. दोनों देशों के बीच भारत को हर वक्त मुस्तैद रहना होता है. भारतीय सेना हर समय सीमा पर देश की रखवाली के लिए अविचल खड़ी रहती है. पड़ोसी देशों को कंट्रोल में रखने के लिए भारतीय सेना ऐसे हेलिकॉप्टर्स खरीदने पर काम कर रही है जिनके आ जाने के बाद दोनों की सिट्टी-पिट्टी गुल हो जाने वाली है. 

सेना में दिखेगी प्रचंड की धमक

खबरों की मानें तो इंडियन एयरफोर्स 156 प्रचंड हेलीकॉप्टर्स को खरीदने की तैयारी कर रही है. कहा जा रहा है कि विशेष सुविधाओं से लैश ये हेलीकॉप्टर्स चीन और पाक सीमा पर तैनात किए जाएंगे. बता दें कि इन हेलीकॉप्टर्स को खरीदने से पीएम के मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा. 

सेना की परीक्षा में सफल हुआ प्रचंड 

एचएएल प्रचंड का निर्माण कर रही है. खबरों की मानें तो इंडियन एयरफोर्स और इंडियन आर्मी ने प्रचंड के 15 हेलीकॉप्टरों को अपने खेमे में पहले ही शामिल कर लिया है. इन हेलीकॉप्टर्स को सेना द्वारा खराब मौसम और विपरीत परिस्थितियों में पहले ही जांचा और परखा जा चुका है. 

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने कहा है कि मुख्य सेवा के रूप में इंडियन एयरफोर्स ने संयुक्त अधिग्रहण मामले के रूप में 156 और प्रचंज हेलीकॉप्टर्स खरीदने के लिए सरकार के पास प्रस्ताव रखा है जिसे जल्द ही मंजूरी मिल सकती है. 

प्रचंड है सेना के लिए वरदान 

प्रचंड की विशेष खूबियां ही इसे अन्य लड़ाकू हेलीकॉप्टरों से अलग बनाती हैं. यह रेगिस्तानी इलोकों से लेकर पहाड़ी इलाकों तक में चलने की काबिलियत से लैश सेना की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है. कहा जा रहा है कि यह ऐसा एकमात्र हेलीकॉप्टर है जो 5,000 मीटर की ऊंचाई पर उतर सकता है और इतने ही ऊपर से दोबारा उड़ान भी भर सकता है. 
सियाचिन ग्लेशियर और पूर्वी लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए यह वर्दान साबित होने वाला है. प्रचंड हवा से हवा और हवा से जमीन में मार करने वाली मिसाइलों को दागने में भी माहिर है. दुष्मन के ठिकानों को पल में मिट्टी में मिलाने की काबिलियत रखता है. 
 

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29 September 2023, 09:05 PM IST

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