China: भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. हाल में दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में हुए 15वें ब्रिक्स सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच सीमा विवाद के मुद्दे पर चर्चा हुई थी. इस वार्ता के बाद ऐसी उम्मीद की जा रही थी की भारत-चीन सीमा विवाद को कम किया जा सकता है. लेकिन इसके बाद भी चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. दरअसल अब चीन ने अपना नया नक्शा जारी किया है जिसमें उसने भारत के इलाकों को अपने क्षेत्र में दिखाया है. चीन की इस हरकत पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए उसके सभी दावों को खारिज कर दिया है.
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस मामले पर कहा कि हमने आज चीन के तथाकथित 2023 मानक मानचित्र पर चीनी पक्ष के साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से कड़ा विरोध दर्ज कराया है. चीन ने अपने नए मानचित्र में भारत के जिन क्षेत्रों पर दावा किया है, हम इन दावों को खारिज करते हैं क्योंकि इनका कोई आधार नहीं है. चीनी पक्ष के ऐसे कदम केवल सीमा मुद्दे के समाधान को जटिल बनाएंगे.
चीन के बेतुके दावे- एस जयशंकर
चीन की इस हरकत को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि चीन ऐसे बेतुके दावे करता रहता है, ऐसा करना उसकी पुरानी आदत है. उन्होंने आगे बोला कि इस तरह के बेतुके दावे करने से दूसरों का क्षेत्र आपका नहीं हो जाता. अपने आधिकारिक नक्शे में अन्य देशों के क्षेत्रों को शामिल करने का कोई मतलब नहीं है. केवल भारत के कुछ हिस्सों के साथ नक्शा जारी करने से कुछ भी नहीं बदलेगा. हमारी सरकार इस बारे में बहुत स्पष्ट है कि हमें अपने क्षेत्र में क्या करना है.
इन इलाकों को अपने नक्शें में दिखाया चीन
बतादें कि चीन नेअपने मानक मानिचत्र का नया संस्करण जारी किया है. चीन के मानचित्र जारी करते ही विवाद खड़ा हो गया. दरअसल, चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चीन, ताइवान और दक्षिण चीन सागर को अपने क्षेत्र में दर्शाया है. भारत ने इस मानचित्र पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और हमेशा रहेगा. First Updated : Tuesday, 29 August 2023