चिराग पासवान की जातिगत जनगणना पर NDA से अलग राय क्यों? जानें इसके पीछे की वजह

Bihar: चिराग पासवान ने हाल ही में जातिगत जनगणना के समर्थन में अपनी बात दोहराई है. उन्होंने कहा कि यह आंकड़े सरकार को जातियों की सही जनसंख्या जानने में मदद करेंगे जिससे योजनाएं बेहतर बनाई जा सकेंगी. हालांकि उन्होंने इस डेटा की सार्वजनिकता पर चिंता जताई है क्योंकि इससे समाज में विभाजन हो सकता है. चिराग पासवान की यह राय NDA की सामान्य सोच से अलग है और इससे उनका अन्य मुद्दों पर भी अलग रुख जाहिर होता है. जानने के लिए कि चिराग पासवान की इस अलग सोच का क्या असर होगा? और NDA की प्रतिक्रिया क्या होगी, पढ़ें पूरी खबर.

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Edited By: JBT Desk

Chirag Paswan: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने हाल ही में जातिगत जनगणना के मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है. रांची में हुई उनकी पार्टी की बैठक में चिराग पासवान ने बताया कि उनकी पार्टी जातिगत जनगणना का समर्थन करती है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना से सरकार को यह जानकारी मिलती है कि किस जाति की कितनी जनसंख्या है जिससे योजनाएं बनाते समय जाति आधारित आंकड़े मददगार साबित होते हैं.

चिराग ने खुलकर रखी अपनी बात

चिराग हमेशा से अपनी बात खुलकर कहते आये हैं, चाहे वो उनकी पार्टी के समर्थन में हो या फिर विरोध में, वो हमेशा से अपनी राय खुलकर रखते आए है. इस बार भी उन्होंने जाति जनगणना पर खुलकर अपने विचार को रखा है. उनका कहना है कि जब सरकारी योजनाएं जातियों की भलाई के लिए बनाई जाती हैं तो यह जरूरी है कि सरकार के पास सही आंकड़े हों. इससे यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचे.  हालांकि चिराग पासवान ने इस डेटा को सार्वजनिक करने पर चिंता जताई है क्योंकि ऐसा करने से समाज में विभाजन की संभावना काफी हद तक बढ़ सकती है.

पार्टी के विपरीत है राय

इससे पहले भी चिराग पासवान ने कई बार अपनी पार्टी के रुख के विपरीत राय दी है. जुलाई में भी उन्होंने जातिगत जनगणना के समर्थन में बात की थी लेकिन डेटा को सार्वजनिक करने का विरोध किया था. चिराग पासवान की ये विचारधारा उन्हें अन्य दलों और NDA से अलग करती है जिससे उनकी राजनीतिक स्थिति और भी स्पष्ट हो जाती है. हाल ही में उन्होंने केंद्र सरकार की लेटरल एंट्री भर्ती प्रक्रिया का भी विरोध किया जिसके चलते सरकार को इस प्रक्रिया को वापस लेना पड़ा. जातिगत जनगणना के मामले में भी उन्होंने स्पष्ट किया कि वह इसके पक्ष में हैं लेकिन इसके सार्वजनिक रूप से जारी करने पर चिंतित हैं.

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25 August 2024, 06:51 PM IST

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