'नहीं चाहिए क्रीमी लेयर', सब कैटेगरी के फैसले पर कोर्ट जाएंगे चिराग

Chirag Paswan News: ST/SC क्लासिफिकेशन को लेकर गुरुवार के रोज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. 7 जजों की पीठ ने कहा कि अगर राज्य चाहें तो आरक्षित वर्ग के भीतर भी सब-कैटेगरी बना सकते हैं. कोर्ट के इस फैसले के बाद नेताओं के बयान भी आने लगे हैं. चिराग पासवान ने तो कहा है कि उनको क्रीमी लेयर नहीं चाहिए. वो पुनर्विचार याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.

JBT Desk
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Chirag Paswan News: गुरुवार यानी 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने ST/SC आरक्षण को लेकर एक अहम फैसला सुनाया. याचिका की सुनवाई करते हुए 7 जजों की बेंच ने माना की राज्य चाहें तो आरक्षित वर्ग में सब कैटेगरी बनाकर उन्हें लाभ दे सकते हैं. इसी के साथ कोर्ट ने अपना अंतिम फैसला सुना दिया. अब इस मामले को लेकर सियासी दल और नेता अपने-अपने तर्क और बयान दे रहे हैं. कुछ लोगों ने पुनर्विचार के लिए कोर्ट में याचिका दाखिल करने की बात कही है. इसमें केंद्रीय मंत्री और बिहार के कद्दावर नेता चिराग पासवान शामिल हैं. आइये जानें चिराग ने क्या कहा है.

CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 7 जजों की संविधान पीठ ये फैसला सुनाया है. इसमें कहा गया है कि एससी और एसटी समुदायों के भीतर भी क्लासिफिकेशन किया जा सकता है. इसका अर्थ है कि इन समुदायों को अलग-अलग समूहों में बांटा जा सकता है. हालांकि, ये राज्यों पर निर्भर करता है.

कोर्ट जाएंगे चिराग

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आपत्ति जताते हुए लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने शीर्ष अदालत में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की बात कही है. केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हम टिप्पणी नहीं कर सकते हैं. हमारी पार्टी को आपत्ति है. इस कारण हम पुनर्विचार की मांग करते हैं. इसे लेकर हम कोर्ट भी जाएंगे और मांग करेंगे की कोर्ट एक बार इसमें फिर से विचार करें.

क्या बताया कारण?

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान ने पटना स्थित मौर्य होटल में शनिवार को खाद्य प्रसंस्करम उद्यमियों के कार्यक्रम में भाग लिया था. इसी दौरान उन्होंने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि एससी की जहां तक बात है उसमें जातियों के आधार छुआछूत है. इसलिए इसमें आरक्षण के अंदर आरक्षण का कोटा लाने का प्रावधान नहीं किया जा सकता है. इसमें क्रीमी लेयर का भी प्रावधान नहीं किया जा सकता है.

चिराग ने कहा कि दलित समाज के संपन्न लोगों के साथ छुआछूत होता है. जो आगे बढ़ गए उनके साथ भी भेदभाव हो रहा है. दलित समाज के बड़े नाम भी मंदिरों में नहीं जा पा रहे हैं. कई बार तो आपने देखा होगा की मंदिरों को गंगाजल से धोया जाता है. हमको ST/SC में क्रीमी लेयर नहीं चाहिए.

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03 August 2024, 02:59 PM IST

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