Christmas Day 2023 : भारत में नगालैंड, मिजोरम, मेघालय, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में क्रिसमस को लेकर खास धूम है. इन राज्यों केरल में ईसाइयों की आबादी के मामले में केरल सबसे आगे है. भारत में केरल में ईसाइयों की आबादी ज्यादा होने के पीछे ऐतिहासिक घटना है जिसके कारण भारत में ईसाई धर्म की नींव पड़ी है, उसका रास्ता केरल से ही निकला था. आइ आज समझते हैं कि भारत में इसाई धर्म की शुरुआत कैसे हुई...
ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह के 12 षट शिष्य थे, जो इस धर्म का दुनिया में प्रचार-प्रसार करने का काम करते थे. ये 12 शिष्य इसके लिए 11 अलग-अलग रास्तों पर चल पड़े. ईसाई धर्म के प्रचार के लिए इनके 12वें शिष्य संत थॉमस समुद्री रास्ते से ईस्वी सन 52 में भारत के दक्षिण तट पर पहुंचे. ये जिस समय भारत आए यहां चोल वंश का साम्राज्य था. उनकी भारत यात्रा की शुरुआत केरल के मालाबार तट से हुई थी. वो केरल और तमिलनाडु में 20 साल तक रहे. सेंट थॉमस ने भारत के पलायुर में चर्च की स्थापना की और धर्मस्थल की तरह प्रचारित किया. इसी चर्च को संत थॉमस चर्च के नाम से जाना जाता है. इसे दुनिया की सबसे पुरानी चर्च का दर्जा मिला है. इसके बाद उन्होंने भारत में 6 और चर्च की नींव रखी. जिसे ईसाइयों के चर्चित प्रार्थनास्थल के तौर पर जाना गया.
भारत में धर्म का प्रचार करने के बाद वो भारत के पूर्वी तट पर पहुंचे और यहां से चीन को पार कर गए. कुछ समय बाद वो भारत फिर लौटै और चेन्नई में बस गए. यहां लोगों को ईसाई धर्म की शिक्षा देने लगे, लेकिन यहां के लोगों ने उनका विरोध किया. चेन्नई के लोगों ने ईसाई धर्म को स्वीकार नहीं किया. कुछ मीडिया रिपोर्ट की मानें तो यहां के लोगों ने सेंट थॉमस पर अत्याचार किया. एक गुफा में उनका कत्ल कर दिया. चेन्नई में उस गुफा को थॉमस माउंट के नाम से जाना जाता है. साल 1523 में पुर्तगालियों ने उनकी कब्र पर चर्च बना दिया. जहां बड़ी संख्या में ईसाई पहुंचते हैं.
कई रिपोर्ट्स दावा किया गया है कि जिस दौर में सेंट थॉमस भारत आए थे, उस दौर में यूरोप के देशों में भी ईसाई धर्म नहीं था. यूरोपीय देशों से पहले भारत में ईसाई धर्म की जड़ें फैल चुकी थीं. देश के गिरिजाघरों में एक बार फिर क्रिसमस की तैयारियां शुरू हो गई हैं. मार्केट में क्रिसमस टी से लेकर केक्स की वैरायटी उपलब्ध हो गई हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों में क्रिसमस के आयोजनों के लिए सजावट जारी है. First Updated : Friday, 22 December 2023