Civil Services Day: पंच प्राणों की प्रेरणा देश को देगी ऊंचाई, जिसका वह हकदार है- बोले PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिविल सेवा दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में सिविल सेवकों को संबोधित करते हुए बोले मैं आज भारत के हर सिविल सेवा अधिकारी से यही कहूंगा कि आप बहुत भाग्यशाली हैं। आपको इस कालखंड में देश की सेवा का अवसर मिला है।

Sagar Dwivedi
Edited By: Sagar Dwivedi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिविल सेवा दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में सिविल सेवकों को संबोधित करने के कार्यक्रम में हिस्सा लिए। इस दौरान केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह मौजूद रहे। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि 'अभी कुछ ही दिन पहले SSC द्वारा की जा रही नियुक्तियों के लिए अब लिखित परीक्षा 15 भाषाओं में होंगी। 13 क्षेत्रीय और हिंदी एवं अंग्रेजी है। यदि ईज ऑफ गवर्नेंस का अर्थ है ईज ऑफ लिविंग है तो ऐसे नियम जो आम नागरिकों को दुविधा पैदा कर रहे थे या समय बीतने के साथ अपना औचित्य खो बैठे थे उनको समाप्त किया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा नवाचार के अंतर्गत राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय से केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण को लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार 2022 दिया गया। दिल्ली में सिविल सेवा दिवस कार्यक्रम में पीएम मोदी संबोधित करते हुए बोले कि 'आप सभी को सिविल सेवा दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। इस साल का सिविल सेवा दिवस बहुत अधिक महत्वपूर्ण हैं। यह ऐसा समय है जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं।

आज देश दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है: PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि 'मैं आज भारत के हर सिविल सेवा अधिकारी से यही कहूंगा कि आप बहुत भाग्यशाली हैं। आपको इस कालखंड में देश की सेवा का अवसर मिला है... हमारे पास समय कम है लेकिन सामर्थ्य भरपूर है। पिछले 9 वर्षों में अगर देश के गरीब से गरीब को भी सुशासन का विश्वास मिला है तो इसमें आपकी मेहनत भी रही है। पिछले 9 वर्षों में अगर भारत के विकास को नई गति मिली है तो ये भी आपकी भागीदारी के बिना संभव नहीं था। कोरोना संकट के बावजूद आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।'

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'बीते वर्ष 15 अगस्त को मैंने लाल किले से देश के सामने 'पंच प्राणों' का आह्वान किया था। विकसित भारत के निर्माण का विराट लक्ष्य हो, गुलामी की हर सोच से मुक्ति हो, भारत की विरासत पर गर्व की भावना हो, देश की एकता और एकजुटता को निरंतर सशक्त करना हो और अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि रखना हो...  इन पंच प्राणों की प्रेरणा से जो ऊर्जा निकलेगी, वो हमारे देश को वो ऊंचाई देगी, जिसका वो हमेशा से हकदार रहा है। हमारे पास समय कम है, लेकिन क्षमताएं अपार हैं। कठिन लक्ष्य हैं, लेकिन महान साहस है। पहाड़ों पर चढ़ने का हमारा लक्ष्य है, लेकिन हमारे पास आसमान को भी पार करने की इच्छा है!

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