Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में प्रवेश के लिए मिलेगा ई-पास, सीजेआई ने लॉन्च किया 'सुस्वागतम' पोर्टल
Supreme Court: भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को 'सुस्वागतम' पोर्टल शुरू करने की घोषणा की. सुस्वागतम पोर्टल ऑनलाइन प्रवेश पास बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की नई पहल है.
हाइलाइट
- ऑनलाइन प्रवेश पास बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की नई पहल
- गुरुवार को 'सुस्वागतम' पोर्टल शुरू करने की CJI ने की घोषणा
- 25 जुलाई से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किया गया था उपयोग
Supreme Court: भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को 'सुस्वागतम' पोर्टल शुरू करने की घोषणा की. यह पोर्टल उन लोगों के लिए काफी मदद साबित होगा जिन्हें आधिकारिक या मामले से संबंधित उद्देश्यों के लिए अदालत परिसर में जाने की जरूरत है. सुस्वागतम पोर्टल ऑनलाइन प्रवेश पास बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की नई पहल है.
सीजेआई की अध्यक्षता में पांच-न्यायाधीशों की पीठ द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 में किए गए बदलावों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने से ठीक पहले इस पोर्टल की घोषणा की गई.
सभी पास बनेंगे ऑनलाइन
सुप्रीम कोर्ट में प्रवेश के लिए अब सभी पास ऑनलाइन बनाए जाएंगे, जिससे लोगों को सुबह से कतार में खड़ा नहीं होना पड़ेगा और भौतिक प्रवेश पास की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी. सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, "यह सुविधा आज सुबह से उपलब्ध कराई जा रही है."
वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह एक बड़ी चिंता का विषय है क्योंकि हर दिन सुप्रीम कोर्ट परिसर में भौतिक प्रवेश पास जारी करने वाले काउंटर के सामने लंबी लाइन लगती है.
"सु का मतलब सुप्रीम कोर्ट"
सीजेआई ने कहा, “अब, कोई व्यक्ति पिछली शाम या जब भी आप उस विशेष दिन के लिए लॉग इन करना चाहे, पास के लिए आवेदन कर सकता है… जो कोई रजिस्ट्री में किसी से मिलना चाहता है, उसे भी पास जेनरेट हो जाएगा. और जैसे ही व्यक्ति सुरक्षा काउंटर पर आता है, पास का पूरा विवरण सीआईएसएफ कर्मियों को दिख जाता है, जो कोर्ट परिसर की सुरक्षा कर रहे हैं.
इसके बाद सीजेआई चंद्रचूड़ ने पोर्टल के बारे में जानकारी देते हुए कहा, सुस्वागतम एक वेब-आधारित और मोबाइल-अनुकूल एप्लिकेशन है जो उपयोगकर्ताओं को खुद को ऑनलाइन पंजीकृत करने और अदालत की सुनवाई में भाग लेने, अधिवक्ताओं से मिलने या अधिकारियों या विभागों या प्रेस लाउंज में जाने जैसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए ई-पास का अनुरोध करने की अनुमति देता है.
पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किया था इस्तेमाल
सुस्वागतम पोर्टल का उपयोग 25 जुलाई, 2023 से एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किया गया था और उपयोगकर्ताओं ने इसे सकारात्मक फिडबैक दिया था. 9 अगस्त, 2023 तक पायलट के रूप में पोर्टल के माध्यम से 10,000 से अधिक ई-पास जारी किए गए हैं.
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, भारत के सर्वोच्च न्यायालय को उम्मीद है कि पोर्टल अदालती संचालन और सेवाओं की सुविधा और दक्षता को बढ़ाएगा.