CJI Chandrachud: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल शुक्रवार, 8 नवंबर को समाप्त हो गया. अपने आखिरी दिन उन्होंने गहरी भावनाओं के साथ न्यायिक यात्रा को याद किया और अपने सहयोगियों, कानूनी समुदाय और साथी न्यायाधीशों को संबोधित किया. चंद्रचूड़ ने अपनी विदाई में व्यक्तिगत विचार साझा किए, जहां उन्होंने गलती से किसी को ठेस पहुंचाने के लिए माफी मांगी और न्यायपालिका के प्रति अपना सम्मान व्यक्त किया.
मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपने अंतिम संबोधन में डीवाई चंद्रचूड़ ने न्यायपालिका की महान परंपराओं को याद किया, अपनी सीख साझा की और अपने उत्तराधिकारी के लिए भविष्य को लेकर विश्वास जताया. उनके अंतिम कार्य दिवस पर सहयोगियों और वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने उनके न्यायिक योगदान को भावभीनी श्रद्धांजलि दी.
मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने अपनी यात्रा के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि इस दौरान उन्होंने कानून और जीवन के बारे में बहुत कुछ सीखा. उन्होंने हंसी-मजाक में यह भी कहा कि जब उनके रजिस्ट्रार ने विदाई समारोह का समय पूछा, तो उन्होंने सोचा कि क्या शुक्रवार दोपहर 2 बजे तक कोई अदालत में मौजूद भी होगा.
चंद्रचूड़ ने बताया कि एक युवा वकील के रूप में उन्होंने अदालत की परंपराओं और तर्कों की कला को करीब से देखा. उन्होंने न्यायिक पद की महानता का जिक्र करते हुए कहा कि इससे न केवल कानून बल्कि समाज में भी बदलाव आता है. उनका कहना था, “हम यहां तीर्थयात्री के रूप में कार्य करने आए हैं, जिससे न्यायालय को आगे ले जाने में मदद मिली है.”
चंद्रचूड़ ने अपने उत्तराधिकारी न्यायमूर्ति संजीव खन्ना के प्रति विश्वास व्यक्त किया और कहा कि न्यायालय में उनके जाने से कोई अंतर नहीं पड़ेगा क्योंकि न्यायमूर्ति खन्ना जैसे अनुभवी न्यायाधीश इसका कार्यभार संभालेंगे. नए मुख्य न्यायाधीश बनने वाले संजीव खन्ना ने कहा कि उनके लिए रास्ता आसान और कठिन दोनों होगा. First Updated : Friday, 08 November 2024