'न्याय का पहला दरवाजा जिला अदालत', सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा- 'ब्रिटिश युग की मानसिकता को दफना दें'
सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ शामिल हुए थे. इस दौरान उन्होंने 'अधीनस्थ' न्यायपालिका शब्द के इस्तेमाल के खिलाफ वकालत की और कहा, 'स्वतंत्रता के पचहत्तर साल बाद, समय आ गया है कि हम ब्रिटिश युग की मानसिकता को दफना दें.' उन्होंने ये भी कहा कि नागरिकों को यह याद दिलाने का समय आ गया है कि हम उनके लिए मौजूद हैं.
CJI Chandrachud: सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना के 75 साल पूरे होने के अवसर पर शनिवार को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम का उद्घाटन पीएम मोदी ने किया जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश भी मौजूद थे. इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम देश के नागरिकों को याद दिलाना होगा की हम उनके लिए मौजूद है. उनके अलावा इस अवसर पर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, बीसीआई के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष कपिल सिब्बल ने भी बात की.
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) धनंजय वाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि न्यायपालिका अदालतों का दरवाजा खटखटाने वाले वादियों की पीड़ा और अन्याय के प्रति उदासीन नहीं हो सकती है. सीजेआई ने कहा, 'आज हमारे पास एक युवा न्यायपालिका है जो तकनीकी रूप से कुशल, तकनीकी रूप से सुसज्जित और भारत की बदलती जनसांख्यिकी का प्रतिनिधित्व करती है, जो वास्तव में एक युवा राष्ट्र है। वे न्यायपालिका में अंतिम उपाय के रूप में नहीं, बल्कि पहले उपाय के रूप में शामिल हो रहे हैं.'
जिला न्यायपालिका की सेवा में हुआ सुधार
सीजेआई चंद्रचूड़ ने जिला न्यायपालिका को लेकर कहा, 'ई-कोर्ट परियोजना के जबरदस्त प्रयास को देखते हुए, जिसके कारण 3,500 न्यायालय परिसरों और 22,000 से अधिक न्यायालय कक्षों का कम्प्यूटरीकरण हुआ है, सीजेआई ने आगे कहा, 'हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि हमारी जिला न्यायपालिका की सेवा की स्थितियों में जबरदस्त सुधार हुआ है. अब, समाज को वापस देने का समय आ गया है. अब जब हमें हमारे लिए बनाई गई स्थितियों के संदर्भ में मान्यता मिल गई है, तो हमारे लिए नागरिकों को यह याद दिलाने का समय आ गया है कि हम उनके लिए मौजूद हैं और इसे करने का इससे बेहतर तरीका क्या हो सकता है कि हम जो काम करते हैं, वह करें.'
जिला अदालत को बताया न्यायपालिका की रीढ़
सीजेआई ने कहा, 'जिला न्यायपालिका कानून के शासन का एक महत्वपूर्ण घटक है, जो 'न्यायपालिका की रीढ़' के रूप में कार्य करती है. यह नागरिकों के लिए संपर्क का पहला बिंदु है, 'हमें न्यायाधीशों के रूप में यह महसूस करना चाहिए कि हम अपने अस्तित्व से परे कारणों से मौजूद हैं. हमारे कार्य का मूल दूसरों की सेवा करना है. ऐसा तब हो सकता है जब हम खुद को उन लोगों की जगह पर रखें जो हमारे सामने पीड़ा और अन्याय की वास्तविक जीवन की कहानियाँ लेकर आते हैं.'