अमित शाह को इंटरपोल वांटेड घोषित करने का दावा फर्जी, फैक्ट चेक में खुलासा

Amit shah News: अमित शाह को लेकर यह पोस्ट सोशल मीडिया पर ऐसे समय में सामने आया है जब हाल ही में कनाडा सरकार के एक मंत्री ने आरोप लगाया है कि अमित शाह ने कनाडा में सिख अलगाववादियों को निशाना बनाने का आदेश दिया था. लेकिन जब इस तस्वीर का फैक्ट चेक किया गया तो यह फर्जी निकली.

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Amit shah News: एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें भारतीय गृह मंत्री अमित शाह का नाम 'इंटरपोल वांछित सूची' में शामिल होने का दावा किया जा रहा है. वायरल तस्वीर में लिखा है "इंटरपोल वांटेड", साथ में शाह का नाम, उनकी उम्र '60', और यह दावा किया गया है कि वह कनाडा में हत्या की साजिश के आरोप में वांछित हैं.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह तस्वीर कनाडा सरकार के एक मंत्री द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद सामने आई है, जिसमें कहा गया था कि अमित शाह ने कनाडा में सिख अलगाववादियों को निशाना बनाने का आदेश दिया था. इन आरोपों के बाद भारत ने इसे "बेतुका और निराधार" बताते हुए खारिज किया.

सोशल मीडिया पोस्ट और झूठा दावा

इस बीच एक ट्विटर यूजर ने इस वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा कि विश्वसनीय सूत्रों ने बताया है कि शाह को 'इंटरपोल की वांछित सूची' में शामिल कर लिया गया है. इस पोस्ट में यह भी कहा गया कि कनाडा के उप विदेश मंत्री ने शाह पर आरोप लगाया था कि उन्होंने कनाडाई सिख नागरिकों के खिलाफ हत्या अभियान चलाने का आदेश दिया था.

हालांकि, हमें इस पोस्ट के समर्थन में कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले, जो यह साबित करे कि इंटरपोल ने वाकई में अमित शाह के खिलाफ ऐसा कोई 'वांटेड' नोटिस जारी किया हो. ऐसी तस्वीरों और दावों के बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है, और यह महज अफवाहों का हिस्सा हो सकती है.

फैक्ट चेक में हुआ ये खुलासा

इस बीच हमने यह पता लगाने के लिए विभिन्न कीवर्ड्स का उपयोग किया, लेकिन हमें कोई विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें यह कहा गया हो कि इंटरपोल ने अमित शाह के खिलाफ 'वांछित' नोटिस जारी किया है. इसके बाद हमने इंटरपोल के सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी चेक किया, लेकिन हमें वहां भी ऐसा कोई नोटिस नहीं मिला.

इस दौरान  हम इंटरपोल की वेबसाइट पर भी गए और वहां के रेड नोटिस की सूची को देखा, लेकिन अमित शाह का नाम कहीं नहीं था. इंटरपोल की वेबसाइट के मुताबिक, रेड नोटिस एक ऐसा अनुरोध होता है जिसे दुनियाभर की कानून लागू करने वाली एजेंसियां करती हैं, ताकि किसी व्यक्ति को अस्थायी रूप से गिरफ्तार किया जा सके या उस पर प्रत्यर्पण की कार्रवाई की जा सके. हमने यह भी चेक किया कि येलो नोटिस के तहत भी अमित शाह का नाम नहीं है.

इसके अतिरिक्त, हमने सामान्य खोज की और 2019 की एक रिपोर्ट में अमित शाह का नाम पाया, लेकिन उसमें किसी भी गिरफ्तारी या नोटिस के जारी होने का उल्लेख नहीं था, जिससे यह साबित होता है कि वायरल नोटिस झूठा था. इन सभी तथ्यों और जांच के आधार पर यह स्पष्ट है कि वायरल नोटिस पूरी तरह से फर्जी है और इंटरपोल ने अमित शाह के खिलाफ ऐसा कोई 'वांछित' नोटिस जारी नहीं किया है.

कई विसंगतियां सामने आईं

इस बीच  वायरल तस्वीर और इंटरपोल द्वारा प्रकाशित वास्तविक नोटिस के बीच कुछ अंतर देखा गया. जैसे कि 2019 में जारी किए गए असली इंटरपोल नोटिस में व्यक्ति का अंतिम नाम बड़े अक्षरों में लिखा गया है, जबकि देश का नाम और अन्य जानकारी सामान्य वाक्य रूप में होती है.  

इसके उलट, वायरल तस्वीर में देश का नाम बड़े अक्षरों में और अंतिम नाम को हेडिंग के रूप में कैपिटल लेटर्स में लिखा गया है.  वहीं असली नोटिस में वांछित होने का कारण सामान्य रूप में लिखा जाता है, जबकि वायरल छवि में यह कारण हेडिंग  के रूप में कैपिटल लेटर्स में दिखाई दे रहा है, जो असल नोटिस से अलग है.

नोटिस का फॉर्मेट

इंटरपोल के फेसबुक और एक्स अकाउंट पर 2024 के हालिया पोस्ट्स से यह स्पष्ट होता है कि रेड नोटिस का फॉर्मेट अब पहले से अलग हो चुका है. वायरल छवि का फॉर्मेट अब के इंटरपोल नोटिस से मेल नहीं खाता. इन विसंगतियों से यह साबित होता है कि वायरल तस्वीर असली इंटरपोल नोटिस से मेल नहीं खाती, और यह एक फर्जी दावे का हिस्सा हो सकती है. 

भारत-कनाडा विवाद

14 अक्टूबर 2024 को, कनाडा ने कई भारतीय राजनयिकों को देश से निष्कासित कर दिया. कनाडा ने आरोप लगाया कि ये राजनयिक जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में 'रुचि के व्यक्ति' थे. इसके जवाब में भारत ने भी छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और इस कार्रवाई को भारतीय अधिकारियों के खिलाफ 'निराधार आरोप' करार दिया.

कनाडा के अधिकारियों ने दावा किया कि उन्होंने भारतीय अधिकारियों के साथ सबूत साझा किए हैं, जिनसे यह साबित होता है कि निज्जर की हत्या में भारतीय सरकार के एजेंट शामिल थे. हालांकि, भारतीय अधिकारियों ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि उनके साथ कोई सबूत साझा नहीं किया गया है.

वायरल तस्वीर का सच

हाल ही में एक वायरल तस्वीर में दावा किया गया था कि इंटरपोल ने भारत के गृह मंत्री अमित शाह को 'वांछित' करार दिया है, लेकिन यह दावा पूरी तरह से गलत है. इस दावे का कोई समर्थन करने वाली समाचार रिपोर्ट नहीं मिली और इंटरपोल की आधिकारिक वेबसाइट पर भी ऐसी कोई जानकारी मौजूद नहीं है. First Updated : Tuesday, 05 November 2024