Climate Change: जलवायु परिवर्तन का फसलों पर पड़ रहा असर, जानें गेहूं, चावल की फसल क्यों हो रही बरबाद
Climate Change: जलवायु परिवर्तन का असर हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ अब खेतों और फसलों पर भी दिखने लगा है. वहीं, जलवायु परिवर्तन से फसलों पर होने वाले प्रभाव का मुद्दा संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान भी उठाया गया. केंद्रीय पर्यावरण अश्विनी चौबे ने लोकसभा में इस मुद्दे को उठाया.
Climate Change: जलवायु परिवर्तन का असर हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ अब खेतों और फसलों पर भी दिखने लगा है. यदि आने वाले समय में इसे नहीं रोका गया तो यह खतरनाक रूप ले लेगा. वैज्ञानिकों के अनुमान के अनुसार, अगर जलवायु परिवर्तन में सुधार नहीं हुआ तो आनें वाले कुछ सालों में गेहूं, चावल और खरीफ फसलों में भारी गिरावट हो सकती है.
दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन एक बड़ी समस्या बनकर उभर रहा है. अब जलवायु परिवर्तन का असर फसलों पर भी पड़ने लगा है. जलवायु परिवर्तन को लेकर दुनियां भर में कई जागरुकता अभियान चलाए जा रहे है. वहीं, जलवायु परिवर्तन से फसलों पर होने वाले प्रभाव का मुद्दा संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान भी उठाया गया. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अश्विनी चौबे ने लोकसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि चावल, गेहूं और मक्का कुछ ऐसी फसलें हैं जो जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित होती हैं.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की रिसर्च के अनुसार, जलवायु परिवर्तन को लेकर अगर सही कदम नहीं उठाए गए तो आने वोले समय में चावल की पैदावार में कमी हो सकती है. चावल वर्षा पर आधारित पैदावार है जिस वजह से वर्षा की कमी का असर चावल की पैदावार पर दिखाई देगा. वहीं 2080 तक स्थिति और गंभीर हो जाएगी और वर्षा आधारित चावल की पैदावार में 10 से 47 प्रतिशत तक की कमी आ जाएगी.
यही नहीं जलवायु परिवर्तन का असर गेहूं की पैदावार पर भी दिखाई देगा. 2050 में 8.4 से 19.3 प्रतिशत और 2080 तक 18.9-41 प्रतिशत तक गेहूं की पैदावार में कमी हो सकती है. वहीं, खरीफ मक्का की पैदावार में 2050 में 10-19 प्रतिशत और 2080 तक 20 प्रतिशत से अधिक कम दर्ज की जा सकती है.
जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
ग्लोबल वार्मिंग के चलते देश भर में मौसम में तेजी से परिवर्तन हो रहा है. वही बढ़ते तापमान और मानवजनित समस्याओं के कारण कुछ जगहों पर भारी बारिश तो वहीं कुछ जगहों पर सूखा तो कहीं उष्णकटिबंधीय चक्रवातों जैसी प्राकृतिक चीजों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. मौसम में परिवर्तन के कारण तमिलनाडु सहित देश के कई हिस्सों में भारी बारिश देखने को मिली है. वहीं जिन जगहों पर जलवायु परिवर्तन से मौसम संबंधित समस्याओं का खतरा सबसे ज्यादा है उनमें मध्य भारत, उत्तर भारतीय क्षेत्र और पश्चिमी हिमालयी इलाके शामिल हैं.
भारत पर ग्लोबल वॉर्मिंग का असर
ग्लोबल क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में जलवायु परिवर्तन का बहुत असर देखा जा रहा है. भारत में जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा असर कृषि पर पड़ेगा. क्योंकि कृषि गर्मी, बारिश और सर्दियों के आधार पर की जाती है. ऐसे में यदि जलवायु परिवर्तन से बारिश, गर्मी और ठंड ही ठीक से नहीं रहेंगी तो किसानों के लिए बहुत मुश्किल खड़ी हो जाएगी.