WFI President: 'खिलाड़ियों को खेल पर ध्यान देना चाहिए', कुश्ती संघ अध्यक्ष विवाद पर बोले CM मनोहर लाल खट्टर
WFI President Controversy: हाल ही में कुश्ती संघ के हुए चुनाव में भाजपा सांसद और डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को जीत मिली. इस जीत के साथ ही फिर से एक नया विवाद शुरू हो गया.
Manohar Lal Khattar On WFI President Controversy: हाल ही में कुश्ती संघ के हुए चुनाव में भाजपा सांसद और डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को जीत मिली. इस जीत के साथ ही फिर से एक नया विवाद शुरू हो गया. एक तरफ जश्न का माहौल था वहीं दूसरी ओर महिला पहलवान साक्षी मलिक इस चुनाव का विरोध करते हुए कुश्ती से संन्यास की घोषणा कर दी. कुश्ती संघ अध्यक्ष चुनाव को लेकर जारी विवाद के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
न्यूज़ एजेंसी से बातचीत के दौरान सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा,"खिलाड़ियों को खेल के तरफ ज्यादा ध्यान देना चाहिए. पिछले कुछ समय से एसोसिएशन में जो मामले आए वो राजनीतिक दायरा में फंसता चला जा रहा है, जो कि नहीं फंसना चाहिए था."
'चुनाव को स्वीकार करना चाहिए'
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने भारतीय कुश्ती संघ से जुडे़ मामले पर बात करते हुए कहा कि, पहले जो भी विषय था अब निकल गया और अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ है, जो कि एक लोकतांत्रिक तरीके से होता है उसको स्वीकार करना चाहिए. मुख्यमंत्री ने आगे यह भी कहा कि हमारे गांव में जिसको बहुत ज्यादा समझ न हो तो भी वह इस डेमोक्रेटिक तरीके को अपनाता है. लेकिन यहां अगर कोई वोटिंग के बाद कोई एसोसिएशन चुनी गई है तो उसको मान लेना चाहिए. फिर भी कोई इससे संतुष्ट नहीं है तो उसको दुबारा चुनाव में प्रयास करना चाहिए. कोई दिक्कत नहीं है.
#WATCH कुरूक्षेत्र: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, "खिलाड़ियों को खेल पर अधिक ध्यान देना चाहिए...चुनाव लोकतांत्रिक तरीके से होते हैं इसलिए अब उन्हें इसे स्वीकार करना चाहिए..." pic.twitter.com/BTbQ0kIWcl
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 23, 2023
बजरंग पूनिया ने लौटाया पद्म श्री पुरस्कार
कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के करीबी के चुनाव जीतने पर पहलवान बजरंग पूनिया ने पद्म श्री लौटा दिया. शुक्रवार को उन्होंने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि हाल में कुश्ती महासंघ अध्यक्ष के लिए हुए चुनाव का नतीजा ये बता रहा है कि अब पहलवानों का भविष्य सुरक्षित नहीं रहने वाला.