Kerala: समान नागरिक संहिता के खिलाफ सीएम विजयन, केरल विधानसभा में पेश किया प्रस्ताव
Kerala: केरल विधानसभा में आज पी.विजयन के नेतृत्व वाली वामपंथी सरकार समान नागरिक संहिता के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया. इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार से मांग की है कि देश में समान नागरिक संहिता लागू करने के प्रस्ताव को खारिज कर दे.
हाइलाइट
- समान नागरिक संहिता के खिलाफ केरल विधानसभा में बिल पेश
- केंद्र सरकार से समान नागरिक संहिता का प्रस्ताव खत्म करने की मांग
- सीएम विजयन ने समान नागरिक संहिता को संघ की चाल बताया है
Kerala: केरल विधानसभा में आज मंगलवार (8 अगस्त) को पी.विजयन के नेतृत्व वाली वामपंथी सरकार समान नागरिक संहिता के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया. इस प्रस्ताव के माध्यम से केरल सरकार ने केंद्र सरकार से यह मांग की है कि वह देश में समान नागरिक संहिता यानी कि (यूनिफॉर्म सिविल कोड) लागू करने के प्रस्ताव को खारिज कर दें. केरल में सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाला सत्ताधारी गठबंधन एलडीएफ और कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्षी गठबंधन यूडीएफ दोनों ही इस कानून को लागू करने का विरोध कर चुके हैं.
'समान नागरिक संहिता संघ की चाल'
केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'समान नागरिक संहिता पर चर्चा शुरू करना संघ परिवार की चुनावी पैंतरेबाजी है ताकि वह अपने बहुमत के एजेंडे को आगे बढ़ा सके और सांप्रदायिक भेदभाव को और गहरा कर सके. केरल सीएम ने केंद्र सरकार और न्यायिक आयोग से अपील की है कि वह समान नागरिक संहिता लागू करने के प्रस्ताव को खारिज कर दे और इसे जबरन लागू ना किया जाए.
VIDEO | Kerala CM Pinarayi Vijayan moves resolution in the state assembly against imposition of uniform civil code (UCC) in the country.
— Press Trust of India (@PTI_News) August 8, 2023
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विजयन ने कहा कि समान नागरिक संहिता का कदम, देश की सांस्कृतिक विविधता और एक देश, एक संस्कृति को खत्म करने के सांप्रदायिक एजेंडे का हिस्सा है.
कांग्रेस ने दिया समर्थन
कांग्रेस सांसद डीके सुरेश का कहना है कि केरल में सिर्फ भाजपा को छोड़कर सभी पार्टियां समान नागरिक संहिता का विरोध कर रही हैं. हम भी इस कानून के खिलाफ हैं. उन्होंने आगे कहा, समान नागरिक संहिता को लेकर काफी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसका प्रभाव केरल विधानसभा में भी दिख रहा है. वहीं बीते दिनों केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने केरल सरकार और कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि अल्पसंख्यक समुदाय को समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर डरा रहे हैं. लेकिन हमारी सरकार का विश्वास. सबका साथ, सबका विश्वास में है.
क्या है समान नागरिक संहिता?
समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) का मतलब है कि हर धर्म, जाति, संप्रदाय के लिए पूरे देश में एक ही कानून व्यवस्था लागू होंगे. इसके तहत सभी धार्मिक समुदायों के लिए शादी, तलाक, विरासत, गोद लेने के नियम एक ही होंगे. भारत में फिलहाल सभी नागरिकों के लिए एक समान आपराधिक संहिता है लेकिन समान नागरिक कानून नहीं है.