एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे में होने वाला है समझौता? मंत्री शिरसाट ने चौंकाया
शिरसाट ने एक चैनल से बातचीत में कहा कि आज भी उनके और उनकी पार्टी के कई सहयोगियों के उद्धव ठाकरे गुट के नेताओं के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध हैं, और दोनों दलों के नेता एक-दूसरे से गर्मजोशी से मिलते हैं.

Maharashtra News: महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और शिवसेना के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने शनिवार को कहा कि वह अपनी पार्टी और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT) के बीच सुलह करने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए पहले दोनों दलों के नेताओं के दिलों का मिलना जरूरी होगा. उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि वह बाल ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना के टूटने से दुखी हैं, जिसका नेतृत्व अब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कर रहे हैं.
शिरसाट ने एक चैनल से बातचीत में कहा कि आज भी उनके और उनकी पार्टी के कई सहयोगियों के उद्धव ठाकरे गुट के नेताओं के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध हैं, और दोनों दलों के नेता एक-दूसरे से गर्मजोशी से मिलते हैं. उन्होंने कहा कि रिश्तों को सुधारने के लिए दोनों पक्षों को एक-दूसरे के दिलों में जगह बनानी होगी. अगर अब नहीं किया गया, तो भविष्य में यह संबंधों को सुधारना कठिन हो सकता है.
गलतियों को किया जा सकता है माफ
मंत्री ने यह भी कहा कि दोनों गुटों के बीच जितनी दूरियां बढ़ चुकी हैं, उसे मिटाना आसान नहीं होगा. उन्होंने शिवसेना (UBT) के नेताओं के हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि एक-दूसरे की गलतियों को माफ किया जा सकता है, लेकिन अगर कोई सोचता है कि एक-दूसरे का अपमान करके दोनों दल एक साथ आ सकते हैं, तो यह संभव नहीं है. शिरसाट ने यह भी बताया कि जून 2022 में शिवसेना में विभाजन हुआ था, जब एकनाथ शिंदे पार्टी समर्थकों के साथ भाजपा से गठबंधन करके मुख्यमंत्री बने थे, और उन्हें शिवसेना का नाम और 'धनुष और तीर' निशान मिला था.
चुनावी नतीजे
विधानसभा चुनाव 2024 में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने 288 सीटों में से 230 सीटें जीतीं, जबकि शिवसेना (UBT) को केवल 46 सीटें मिलीं. महायुति में शिंदे गुट ने 57 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि महा विकास अघाड़ी के तहत कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन करने वाली शिवसेना (UBT) को केवल 20 सीटें ही मिलीं.