कांग्रेस ने क्यों RSS पर बैन लगाने की मांग की? जानें इसके 7 बड़े कारण!

कांग्रेस पार्टी ने RSS पर बैन लगाने की मांग की है, और इसके खिलाफ सात बड़े आरोप लगाए हैं. कांग्रेस का कहना है कि RSS लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ काम कर रहा है और इसने हमेशा समानता, न्याय और सद्भाव का विरोध किया है. पार्टी ने RSS के दलित-पिछड़ों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव, शिक्षा में कटौती और राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. जानिए इन आरोपों और बैन की मांग के पीछे की पूरी कहानी!

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Edited By: Aprajita

Congress Bold Demand: हाल ही में कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर बैन लगाने की मांग की है. कांग्रेस का आरोप है कि RSS देश के लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ काम कर रहा है और इसकी नफरती विचारधारा देश के लिए खतरा बन चुकी है. कांग्रेस ने इसे समानता, न्याय और सद्भाव का विरोधी बताते हुए कहा कि RSS ने हमेशा लोकतंत्र का अपमान किया है. पार्टी ने ट्वीट कर इसके खिलाफ आवाज उठाने की अपील की है.

RSS पर बैन लगाने के लिए कांग्रेस के 7 प्रमुख तर्क:

संविधान विरोधी सोच: RSS भारत के संविधान को विदेशी मानता है और मनुस्मृति को श्रेष्ठ बताता है, जो संविधान के मूल्यों के खिलाफ है.

➛ दलित-पिछड़ों के अधिकारों का विरोध: RSS में आज तक कोई दलित प्रमुख नहीं हुआ, और इसने ओबीसी, एससी, एसटी की स्कॉलरशिप में भी भारी कटौती करवाई.

➛ शिक्षा बजट में कटौती: कांग्रेस का कहना है कि RSS ने शिक्षा के बजट में कटौती की, जिससे पिछड़े वर्गों को नुकसान हुआ.

➛ महिला विरोधी मानसिकता: RSS महिलाओं को केवल पारंपरिक भूमिकाओं में सीमित रखने की सोच रखता है, जो महिलाओं की समानता के खिलाफ है.

➛ राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान: दशकों तक RSS ने तिरंगे को स्वीकार नहीं किया, जो देश के प्रतीक का अपमान है.

➛ अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा: RSS पर आरोप है कि इसने मुसलमानों और ईसाइयों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा दिया है.

➛ सरकारी संस्थाओं पर नियंत्रण: कांग्रेस का कहना है कि RSS ने सरकार, शिक्षा, प्रशासन और संस्कृति में अपनी घुसपैठ बढ़ा दी है.

RSS पर तीन बार लगा बैन

कांग्रेस का कहना है कि RSS ने न केवल लोकतंत्र का अपमान किया है, बल्कि इस पर अब तक तीन बार बैन भी लगाया गया है. आइए जानते हैं जब-जब RSS पर प्रतिबंध लगा:

➛ 1948 में महात्मा गांधी की हत्या के बाद: महात्मा गांधी की हत्या के बाद RSS पर प्रतिबंध लगा था क्योंकि सरकार ने इसे नफरत और हिंसा फैलाने वाला माना था. बाद में 1949 में प्रतिबंध हटा लिया गया, जब RSS ने संविधान का पालन करने का वादा किया.

➛ 1975 में आपातकाल के दौरान: इंदिरा गांधी के आपातकाल के दौरान RSS पर प्रतिबंध लगा, क्योंकि इस पर आरोप था कि यह आपातकाल के खिलाफ आंदोलन चला रहा था. 1977 में जब जनता पार्टी की सरकार आई, तो प्रतिबंध हटा लिया गया.

➛ 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद: बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद RSS पर प्रतिबंध लगाया गया था, क्योंकि इस पर सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने और हिंसा फैलाने का आरोप था. हालांकि, सरकार केंद्रीय न्यायाधिकरण में इसे सही साबित नहीं कर सकी और प्रतिबंध हटा लिया गया.

RSS पर बैन की मांग क्यों उठी?

कांग्रेस का कहना है कि RSS की नफरती विचारधारा अब और ज्यादा फैल चुकी है, और यह देश के लोकतंत्र, समानता, और शांति के लिए खतरे की घंटी बन चुकी है. कांग्रेस ने अब समय आ चुका है कि हम सब मिलकर इस विचारधारा के खिलाफ खड़े हों और इसकी घातक गतिविधियों को रोकें. आखिरकार, RSS पर बैन लगाने की कांग्रेस की मांग में कई गंभीर आरोप हैं, जिनकी जांच और विचार-विमर्श की आवश्यकता है.

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30 January 2025, 11:57 PM IST

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