Explainer: 2014 से लगातार कमजोर हो रही कांग्रेस? किस तरह गंवा रही एक के बाद एक राज्य, जानिए पूरी कहानी
Election Result 2023: कांग्रेस के लिए सबसे ज्यादा चिंताजनक बात ये है कि कांग्रेस से वे राज्य भी चले जा रहे हैं जहां उसने अच्छा काम किया और उसकी सरकार भी अच्छी रही. राजस्थान और छत्तीसगढ़ इस बात का प्रमाण है
हाइलाइट
- साल दर साल इस तरह कमजोर हो रहा ‘हाथ’
पिछले महीनों में हुए विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस को 3 राज्यों में हार का सामना करना पड़ा वहीं उनसे एक राज्य में जीत दर्ज की. 2014 से कांग्रेस देश कि सत्ता में वापसी के लिए लगातार संघर्ष कर रही है. लेकिन कांग्रेस अगर कहीं कामयाब होती है तो कई जगहों में उसे निराशा हाथ लगती है.
हाल ही में पांच राज्यों में जिस तरह के चुनाव के नतीजे सामने आए हैं उसमें कांग्रेस ने राजस्थान, छत्तीसगढ़ में अपनी सरकार नहीं बचा पाई. वहीं मध्य प्रदेश और कांग्रेस को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा. लेकिन तेलंगाना में कांग्रेस ने जीत दर्ज की. बीजेपी के समाने कांग्रेस कमजोर पड़ रही है, जमीनी स्तर पर कांग्रेस अपने प्लान को प्लांट करने में कामयाब नहीं हो पा रही है. अगर 2014 के प्रदर्शन को देखें तो काफी हैरत में डालने वाले मामले देखने को मिले.
कांग्रेस के प्रदर्शन
कांग्रेस का सबसे ख़राब प्रदर्शन मार्च 2022 में उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा, और मणिपुर असेंबली चुनाव में देखने को मिला जब चुनाव के नतीजे आए. पांचों राज्यों में कांग्रेस हार गई. सभी राज्यों के 680 सीटों में से कांग्रेस को मात्र 56 पर ही जीत पाई. इन चुनावों में पंजाब जो कि कांग्रेस का मजबूत गढ़ माना जाता है यूज़ भी गंवा दिया. आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस का सफाया कर दिया पंजाब से, कांग्रेस का अबतक का सबसे ख़राब प्रदर्शन माना जाता है क्यूंकि कांग्रेस ने 690 सीटों में से 680 पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें से 82% उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा.
कबसे शुरू हुआ पतन कांग्रेस का?
2014 में 8 राज्यों में विधानसभा के चुनाव हुए. जिनमें महाराष्ट्र, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, जम्मू कश्मीर, झारखंड और सिक्किम शामिल रहे. इनमें से सिर्फ अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस ने 60 में से 42 सीटें जीत कर सरकार बनाई, लेकिन जुलाई 2016 में मुख्यमंत्री पेमा खांडू समेत 33 विधायक बीजेपी का झंडा थाम लिया और इस तरह अरुणाचल में भी बीजेपी की सरकार बन गई.
वहीं 2015 में दिल्ली और बिहार में विधानसभा चुनाव हुए तो दिल्ली में आप (आम आदमी पार्टी) ने कांग्रेस को जीरो पर निपटा दिया. कांग्रेस के 70 में से एक भी सीट पर उसके धुरंधर ने जीत हांसिल नहीं कर पाए. वहीं, बिहार की अगर बात करें तो बिहार में कांग्रेस ने आरजेडी और जेडीयू के साथ गठबंधन कर 41 सीटों पर चुनाव लड़ा था. जहां पार्टी ने 27 सीटों पर जीत भी दर्ज की. इसके बाद यहां महागठबंधन की सरकार 2 साल चली और फिर जुलाई 2017 में नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया.
2016 की अगर बात करें तो पश्चिम बंगाल में असम, केरल, पुडुचेरी और तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव हुए जहां फिर से कांग्रेस को निराशा हाथ लगी. असम और केरल में वह अपनी मौजूदा सरकार को भी नहीं बचा पाई. बस पुडुचेरी में ही कांग्रेस जीत दर्ज कर पाई.
2017 में गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनाव हुए. यहां भी पार्टी ने अपने हाथ से हिमाचल प्रदेश और मणिपुर की सत्ता खो दी. गोवा में उसे सबसे ज्यादा सीट तो मिली थी, लेकिन वह सरकार नहीं बना पाई.
2018 में मार्च में त्रिपुरा, नागालैंड, मिजोरम और मेघालय में विधानसभा चुनाव हुए. 4 राज्यों में से एक में भी कांग्रेस जीत नहीं पाई. इसके बाद मई में कर्नाटक में विधानसभा चुनाव हुए. जहां कांग्रेस ने जनता दल के साथ मिलकर सरकार तो बनाई, लेकिन यहां भी बागियों की कारण सरकार गिर गई और बीजेपी ने सरकार बना ली. उसके बाद दिसंबर में एमपी, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव हुए. वैसे तो ये चुनाव कांग्रेस के लिए अच्छे रहे. तेलंगाना में जहां BRS की सरकार बनी तो बाकी में कांग्रेस ने जीत दर्ज की. वहीं एमपी में 13 महीने बाद ही ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत की वजह से कांग्रेस की सरकार गिर गई.
2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 52 सीटों पर जीत मिली. लोकसभा चुनाव के बाद आंध्र प्रदेश, अरुणाचल, हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा और सिक्किम में विधानसभा चुनाव हुआ. इन राज्यों में से सिर्फ झारखंड और महाराष्ट्र में कांग्रेस गठबंधन की सरकार बना पाई.
2020 में एक बार फिर बिहार औऱ दिल्ली के चुनाव की घोषणा एक साथ की गई. दिल्ली में फिर से आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को खत्म कर दिया और पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई. बिहार में कांग्रेस ने आरजेडी के साथ गठबंधन किया, लेकिन उसे वहां हार का सामना करना पड़ा.
2021 में तमिलनाडु, बंगाल, असम, केरल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव हुए.जिनमें से चार राज्यों में कांग्रेस हार गई साथ ही पुडुचेरी में कांग्रेस अपनी सत्ता भी नहीं बचा पाई. तमिलनाडु में द्रमुक समेत अन्य दलों से गठबंधन के बाद उसकी सरकार है.
2022 में एमपी, उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में चुनाव हुए. इनमें से एमपी में ही कांग्रेस सरकार बनाने में कामयाब रही, बाकी हर जगह पार्टी हार गई. वहीं पंजाब में उसके हाथ से सत्ता चली गई.
2023 में सबसे पहले कर्नाटक में चुनाव हुए, जहां कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. इसके बाद नवंबर में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव हुए, लेकिन पार्टी सिर्फ तेलंगाना में ही जीत दर्ज कर सकी. उसके हाथ से छत्तीसगढ़ और राजस्थान की सरकार भी चली गई.