Winter Session: कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र, सांसदों के निलंबन को रद्द करने हेतु की मांग

Winter Session: लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने लिखा, "जिन कारणों से हाल में 13 सदस्यों को निलंबित किया गया, मैं आग्रह करूंगा कि इस मामले को समग्र रूप से फिर से देखा जाए.

Manoj Aarya
Edited By: Manoj Aarya

Congress Leader Adhir Ranjan Chowdhury: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा के 13 सांसदों के निलंबन को लेकर लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है. लोकसभा अध्यक्ष को लिखे गए अपने पत्र में उन्होंने लिखा, "जिन कारणों से हाल में 13 सदस्यों को निलंबित किया गया, मैं आग्रह करूंगा कि इस मामले को समग्र रूप से फिर से देखा जाए और निलंबन को रद्द करने और सदन में व्यवस्था बहाल करने के लिए उचित कार्रवाई की जाए."

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने अपने पत्र में आगे लिखा कि लोकसभा अध्यक्ष के रूप में जिनके अधिकार और नियंत्रण में "संसद भवन के परिसर" की सुरक्षा होती है, आपने सही और न्यायसंगत रूप से एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है ताकि इस गंभीर मामले की गहन जांच हो सके.

संसद की कार्यवाही के दौरान हुआ था सुरक्षा उल्लंघन 

बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही के दौरान बुधवार, (13 दिसंबर 2023) को दो युवक रंगीन कनस्तरों के साथ विजिटर गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद गए, जिसके मदद से उन्होंने संसद में चारों ओर धुंआ फैला दिया. इसके बाद उनके साथियों ने पार्लियामेंट हाउस एस्टेट के परिसर के बाहर भी हंगामा करने की कोशिस की जिसे मीडिया और आम जनता सहित सभी हलकों में बहुत घबराहट पैदा की है, और यह सही भी है. 

कांग्रेस सांसद ने कहा कि आप इस तथ्य की सराहना करेंगे कि 13 दिसंबर, 2023 की घटना 13 दिसंबर, 2001 के "संसद भवन पर हमले" से अलग है, जो कि कट्टर, अच्छी तरह से प्रशिक्षित और भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों द्वारा किया गया था. उस हमले में सीआरपीएफ, दिल्ली पुलिस के साथ-साथ सीपीडब्ल्यूडी और संसद सुरक्षा सेवा के सशस्त्र कर्मियों की मौत हो गई. इन दोनों घटनाओं के मीडिया रिकॉर्ड सहित तस्वीरें अंतर को बहुत स्पष्ट करती हैं. 

'सरकार से स्पष्टीकरण मांगना विपक्ष का कर्तव्य'

अधीर रंजन चौधरी ने कहा, चूंकि मामले की गंभीरता इस तथ्य में निहित है, जो हमारी अपनी सुरक्षा से संबंधित है, इसलिए विपक्ष के सदस्यों का कर्तव्य है कि वे सरकार से स्पष्टीकरण मांगें और अपेक्षा करें कि तत्काल सुधारात्मक कदम उठाए जाएं. मामले की संवेदनशीलता और इसमें शामिल मुद्दों के कारण "गर्म स्थितियां" पैदा हो सकती हैं, और सदन की "गरिमा और मर्यादा" के संरक्षक के रूप में आप उपचारात्मक कार्रवाई करने के लिए बाध्य हैं.

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17 December 2023, 09:12 PM IST

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