Congress Leader Adhir Ranjan Chowdhury: संसद के शीतकालीन सत्र ( Parliament Winter Session) के दौरान बुधवार, (13 दिसंबर) को मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त की (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) से जुड़े विधेयक 2023 राज्यसभा से पास हो गया. इस विधेयक पर सदन में बोलते हुए कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार चाहती है कि चुनाव आयोग उनके सरकार के इच्छा के अनुसार काम करे.
कांग्रेस सांसद ने कहा कि "जिस तरह उन्होंने धीरे-धीरे विभिन्न संस्थानों को पार्टी कार्यालयों में बदल दिया है, वे (भाजपा) अब चाहते हैं कि चुनाव आयोग भी सरकार के इशारे पर काम करे. अगर वे निष्पक्ष रहेंगे, तो सरकार के लिए मुश्किल हो सकती है. यह और कुछ नहीं बल्कि देश की एक और संवैधानिक संस्था को कमजोर करने का प्रयास है.
यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस का रुख क्या होगा, चौधरी ने कहा, "हम इस विधेयक का विरोध करेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. लेकिन यह स्पष्ट रूप से सरकार के गलत इरादों को दर्शाता है." कांग्रेस सांसद और लोकसभा में मुख्य सचेतक के सुरेश ने कहा, ''यह चुनाव आयोग पूरी तरह से चुनाव आयोग की स्वतंत्रता के खिलाफ मानता है, इसलिए विपक्ष ने चुनाव आयोग संशोधन विधेयक पर जोरदार हमला किया. कल राज्यसभा में इस पर चर्चा हुई.'' लोकसभा में भी हम सर्वसम्मति से इसका विरोध कर रहे हैं."
मंगलवार को राज्यसभा में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति और सेवा शर्तों को विनियमित करने के लिए एक विधेयक पारित किया, विपक्षी सदस्यों ने इसके प्रावधानों का कड़ा विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट कर गए. विधेयक को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के जवाब के बाद पारित किया गया, जिन्होंने कहा कि चुनाव आयोग "स्वतंत्र रूप से काम करना" जारी रखेगा और यह विधेयक सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लाया गया था.
मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023 में विपक्षी दलों द्वारा लाए गए संशोधनों को खारिज कर दिया गया था. First Updated : Wednesday, 13 December 2023