78 साल की हुईं कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, PM मोदी ने दी जन्मदिन की बधाई
सोनिया गांधी का जन्म 9 दिसंबर 1946 को इटली के वेनेटो क्षेत्र के लुसियाना नामक छोटे से गांव में हुआ था. उनके पिता स्टेफिनो मायानो ने उनका नाम एंटोनिया एडविस अल्बिना मायानो रखा.
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का आज 78वां जन्मदिन है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोनिया गांधी को सोशल मीडिया एक्स पर बधाई दी है. पीएम मोदी ने लिखा, "श्रीमती सोनिया गांधी जी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक बधाई। मैं उनकी दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं."
Greetings to Smt. Sonia Gandhi Ji on her birthday. I pray for her long life and good health.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 9, 2024
आपको बता दें कि सोनिया गांधी का जन्म 9 दिसंबर 1946 को इटली के वेनेटो क्षेत्र के लुसियाना नामक छोटे से गांव में हुआ था. उनके पिता स्टेफिनो मायानो ने उनका नाम एंटोनिया एडविस अल्बिना मायानो रखा. सोनिया के मां-बाप के पास इतना पैसा नहीं था कि वे अपने बूते सारे खर्च उठा सकें. इसलिए सोनिया माइनो अपना खर्च निकालने की नीयत से एक रेस्तरां में पार्ट टाइम काम करने लगीं.
सोनिया गांधी ने इंग्लैंड के कैम्ब्रिज में एक भाषा स्कूल में अंग्रेजी पढ़ाई के दौरान राजीव गांधी से मुलाकात की. राजीव, जो उस समय मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे थे, 1968 में सोनिया से शादी के बाद उन्हें भारत ले आए. उन्होंने राजनीति से दूरी बनाकर एक एयरलाइन पायलट के रूप में अपना करियर चुना था.
उनकी सास देश की प्रधानमंत्री थीं और सोनिया उनकी लाडली बहू, जो गुड़िया की तरह अपनी ससुराल में रहती. कुछ साल बाद इंदिरा गांधी के दूसरे बेटे संजय की शादी हुई और मेनका गांधी उनकी देवरानी बन कर उसी घर में आ गईं. मगर मेनका राजनीतिक रूप से भी महत्त्वाकांक्षिणी थीं. उनके पति चूंकि अपनी मां के साथ राजनीतिक रूप से काफी सक्रिय थे, इसलिए मेनका गांधी भी खूब एक्टिव रहीं.
अध्यक्ष की कमान से सरकार बनाने तक का सफर
नवंबर 2000 में कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव कराने की घोषणा हुई. सोनिया गांधी का चुनाव निर्विरोध जीता जाना तय था. मगर नामांकन के अंतिम दिन जितेंद्र प्रसाद ने परचा भर कर सनसनी मचा दी. सोनिया गांधी यह चुनाव जीतीं और 2017 तक उन्हें चुनौती देने वाला कोई नहीं सामने आया. इस बीच वे लोकसभा में नेता विरोधी दल रहीं और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की चेयरपर्सन चुनी गईं.
साल 2004 में जब कांग्रेस की अगुआई वाले UPA ने केंद्र में सरकार बनाई तब सोनिया गांधी का प्रधानमंत्री बनना तय समझा जा रहा था. परंतु उनके विदेशी मूल का होने के कारण भाजपा और खुद UPA के कई दलों ने वितंडा खड़ा किया. इस मौके पर बड़े शांत मन से सोनिया गांधी ने डॉ. मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनवाया.