संभल दौरे पर जाने को तैयार बैठे नेता जी! अचानक पहुंची पुलिस थमा दिया नोटिस
Congress leaders stopped from Sambhal tour: संभल हिंसा को लेकर सियासी संग्राम जारी है. आज यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय समेत कई नेता संभल जाने वाले थे लेकिन यूपी पुलिस ने उन्हें नोटिस थमाया है. इसमें कहा गया है कि हिंसा प्रभावित संभल का दौरा न करें.
Congress leaders stopped from Sambhal tour: संभल में हालात अभी भी तनावपूर्ण हैं और सियासी संग्राम जारी है. आज यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय समेत कई नेता संभल जाने वाले थे, लेकिन यूपी पुलिस ने उन्हें एक नोटिस भेजा है. लखनऊ पुलिस की ओर से भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि संभल में हालात शांतिपूर्ण नहीं हैं, इसलिए वे यहां न जाएं. नोटिस में यह भी कहा गया है कि जिले में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रशासन का सहयोग करें और अपना प्रस्तावित कार्यक्रम स्थगित कर दें.
अजय राय का जवाब: गांधीवादी तरीके से जाएंगे
लखनऊ पुलिस के नोटिस पर अजय राय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "हमें 163 धारा का नोटिस भेजा गया है, जिसमें कहा गया कि अगर हम वहां गए तो अव्यवस्था हो सकती है. हम अव्यवस्था नहीं चाहते, बल्कि हम चाहते हैं कि संभल में शांति बहाल हो. वहां जो अत्याचार हुआ है, उसका विरोध करेंगे और जनता को बताएंगे. हम गांधीवादी तरीके से संभल जाएंगे और इस रास्ते से पीछे नहीं हटेंगे."
पुलिस ने सपा डेलिगेशन को भी नहीं जाने दिया
इसके पहले, पुलिस ने समाजवादी पार्टी (सपा) के डेलिगेशन को संभल जाने से रोक दिया था. यूपी सपा प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल को पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर लिया था और चार सांसदों को भी संभल बॉर्डर पर रोक दिया था. दरअसल, संभल में धारा 163 लागू की गई है, जो 10 दिसंबर तक प्रभावी रहेगी. इस धारा के तहत, जिले में कोई भी बाहरी व्यक्ति या जनप्रतिनिधि प्रशासन की अनुमति के बिना नहीं आ सकते.
संभल हिंसा: चार की मौत, 25 से ज्यादा घायल
संभल में तनाव की शुरुआत 19 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के बाद हुई थी, जब अदालत ने आदेश दिया था कि जिस जगह जामा मस्जिद है, वहां पहले हरिहर मंदिर था. इसके बाद 24 नवंबर को मस्जिद के दोबारा सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी थी. इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और 25 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इसके बाद से संभल में स्थिति बेहद संवेदनशील हो गई है, और यह सियासी मुद्दा बन गया है. संभल में बढ़ते तनाव और सियासी संघर्ष के बीच अब सभी की नजरें प्रशासन के फैसलों पर हैं.